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भाजपा का मिशन 2019; चुनाव नजदीक देख अपनी ही सरकार को आइना दिखा रहे सांसद

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी प्रदेश भाजपा को अपने सांसदों से ही जूझना पड़ रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 11:51 AM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 12:26 PM (IST)
भाजपा का मिशन 2019; चुनाव नजदीक देख अपनी ही सरकार को आइना दिखा रहे सांसद
भाजपा का मिशन 2019; चुनाव नजदीक देख अपनी ही सरकार को आइना दिखा रहे सांसद

रांची, राज्य ब्यूरो। 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश भाजपा भले ही उत्साहित दिख रही हो। सरकार की उपलब्धियों, सांगठनिक ढांचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व के बूते राज्य की सभी 14 सीटें जीतने का दावा भी किया जा रहा हो लेकिन पार्टी के वर्तमान सांसद सशंकित हैं। जमीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन न होने और राज्य सरकार के कुछ हालिया निर्णयों को लेकर वे परेशान दिख रहे हैं। वे चुनावी वर्ष में अपनी ही सरकार को आईना दिखाने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं।

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हाल ही में झारखंड में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के विलय को लेकर राज्य में भाजपा के सभी 12 सांसदों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर विलय की प्रक्रिया को तत्काल बंद करने की नसीहत दी थी। यह पहला मौका था जब भाजपा के सांसदों के पूरे कुनबे ने मुखर होकर सरकार को आईना दिखाया था। कोडरमा सांसद रवींद्र राय ने तो इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। स्कूलों के मर्जर से क्षेत्र में पैदा हो रही स्थिति से भाजपा सांसद अपने को असहज महसूस कर रहे हैं। इधर, मंत्री सरयू राय के बाद जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने भी रांची-टाटा हाइवे की दुर्दशा पर चिंता जताई है।

उन्होंने कहा है ठेकेदार और राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग की लड़ाई का खामियाजा जनता भुगत रही है। इस मसले पर सांसद ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी चेतावनी दी है। बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। सांसद विकास निधि के फंड को लेकर उपयोगिता प्रमाणपत्र के जारी न होने पर भी सांसद चिंतित है। इस मसले पर राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार ने रांची उपायुक्त को पत्र भी लिखा है। भाजपा के अन्य सांसद भी चिंतित हैं। इससे अलावा क्षेत्रीय मसलों तालाबों के निर्माण, ग्रामीण सड़कों, पेयजल व बिजली की व्यवस्था दुरुस्त न होने को लेकर सांसद लगातार मंत्रियों और विभागीय सचिवों को पत्र लिख रहे हैं और क्षेत्र की योजनाओं को समय से पूरा करने के लिए दबाव बना रहे हैं।


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