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सतत वित्तीय समावेशन को आंदोलन बनाने की जरूरत : कामिनी कुमार

रांची विवि की प्रतिकुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि सतत वित्तीय समावेशन को आंदोलन बनाने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 01:35 AM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 01:35 AM (IST)
सतत वित्तीय समावेशन को आंदोलन बनाने की जरूरत : कामिनी कुमार
सतत वित्तीय समावेशन को आंदोलन बनाने की जरूरत : कामिनी कुमार

जागरण संवाददाता, रांची : रांची विवि की प्रतिकुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि सतत वित्तीय समावेशन को आंदोलन बनाने की जरूरत है। वित्तीय समावेशन समेकित विकास का इंजन सिद्ध होगा। इसे जन-जन का आंदोलन बनाने की जरूरत है। समाज में बिखरे व कम आय वालों को वित्तीय सहायता देने की जरूरत है। वे गुरुवार को रांची विवि मुख्यालय के वीसी कांफ्रेंस हॉल में इंटरनेशनल सेमिनार के आयोजन के उद्देश्य के बारे में बोल रही थी। इस मौके पर रांची विवि के रजिस्ट्रार डॉ. अमर कुमार चौधरी द्वारा लिखित पुस्तक मानव संसाधन प्रबंधन का भी लोकार्पण किया गया। शिक्षा सागर प्रकाशन के तहत प्रकाशित इस पुस्तक के सह लेखक डॉ. राखी गुप्ता व चित्रलेखा सिन्हा हैं। प्रोवीसी ने कहा कि रजिस्ट्रार ने बहुत अच्छी किताब लिखी है जो समय की जरूरत है। कहा, एक शिक्षक का शिक्षक बने रहना बड़ी और अच्छी बात है। डॉ. अमर चौधरी शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढ़ें और समाज को फायदा पहुंचाएं। संचालन शोधार्थी अलका सिंह व विद्या झा ने किया। मौके पर एफए एस. मुखोपध्याय, सीसीडीएस जीएस शाहदेव, डॉ. एसएनएल दास, डीन डॉ. जीके श्रीवास्तव, डॉ. अशोक चौधरी, डॉ. प्रीतम कुमार, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. एमसी मेहता, डॉ. एम. जुबेरी, एफए केके वर्मा सहित अन्य थे। सेमिनार 24 व 25 नवंबर को

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रांची विवि के पीजी कॉमर्स विभाग की ओर से 24 व 25 नवंबर 2018 को अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। सेमिनार का विषय फाइनेंशियल इनक्लूजन एंड इन्क्लूसिव ग्रोथ है। स्पांसर झारखंड सरकार के हायर, टेक्निकल एजुकेशन एंड स्किल डिपार्टमेंट है। सेमिनार के कन्वेनर रजिस्ट्रार डॉ. अमर कुमार चौधरी हैं। सरकार व शिक्षाविद् को बैठना होगा साथ

रजिस्ट्रार डॉ. अमर कुमार चौधरी ने कहा कि इस राज्य के 40 प्रतिशत लोग भूखे सोते हैं। 40 प्रतिशत खान झारखंड में हैं। अमीर प्रदेश और गरीब जनता बोलने से काम नहीं चलेगा। जब तक सभी वित्तीय तौर पर मजबूत नहीं होंगे बात नहीं बनेगी। कहा, इसके लिए सरकार व शिक्षा जगत के लोगों को साथ बैठना होगा। कहा, विकास चाहते हैं तो मानव संसाधन का अधिकतम प्रबंधन करना होगा। इसे स्कूल स्तर से ही पढ़ाया जाए।


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