लीड :: निर्माण कार्यो में सुस्ती व शिक्षकों को प्रोन्नति न देने पर राज्यपाल नाराज
राज्यपाल द्रौपदी मुर्म ने मंगलवार को अधिकारियों व कुलपतियों के साथ बैठक की.
सबहेड : कर्मचारी चयन आयोग से होगी विश्वविद्यालयों के तृतीय पदों पर नियुक्ति
क्रासर
- विश्वविद्यालयों को गांव गोद लेने का दिया निर्देश
- वाई-फाई की सुस्त प्रगति पर भी राज्यपाल क्षुब्ध
- विवि अधिकारियों को नसीहत, घमंड को घर में छोड़ आएं राज्य ब्यूरो, रांची : राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने नए विश्वविद्यालयों सहित पुराने विश्वविद्यालयों में निर्माण कार्यो तथा शिक्षकों को प्रोन्नति देने में सुस्ती पर गहरी नाराजगी प्रकट की है। वहीं, विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसरों में वाई-फाई बहाल नहीं होने पर भी दुख प्रकट किया है। राज्यपाल मंगलवार को राजभवन में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्यो की समीक्षा कर रही थीं।
शिक्षा मंत्री नीरा यादव की उपस्थिति में हुई इस बैठक में राज्यपाल ने झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा निर्माण कार्यो में शिथिलता पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों के निर्माण में शिथिलता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पलामू स्थित नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं होने पर भी क्षोभ प्रकट करते हुए इसकी शीघ्र आधारशिला रखने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी कुलपतियों को भी अपने अधीन हो रहे निर्माण कार्यो की नियमित निगरानी का निर्देश दिया ताकि उसमें गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। यह भी कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण में टेंडर करने से पहले जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित कर लें। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसरों में वाई-फाई की सुविधा बहाल करने में बरती जा रही सुस्ती पर भी नाराजगी प्रकट करते हुए संबंधित एजेंसी एनआइसीएसआइ को कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में तृतीय पदों पर नियुक्ति झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से करने तथा इसके लिए अनुशंसा भेजने का निर्देश कुलपतियों को दिया। अभी तक यह नियुक्ति विश्वविद्यालय स्तर पर होती थी। उन्होंने विश्वविद्यालयों को गांव गोद लेने का भी निर्देश दिया। कहा कि एनएसएस के युवा गांवों में जाकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर उपायुक्त को रिपोर्ट दें।
कुलाधिपति ने छात्रहित में विश्वविद्यालयों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने की भी नसीहत दी। पदाधिकारियों को छात्र-छात्राओं की समस्याएं सुनने तथा घमंड घर पर छोड़कर विश्वविद्यालय आने का पाठ पढ़ाया। बैठक में अल्पसंख्यक कालेजों के शिक्षकों एवं कर्मियों को पेंशन देने पर भी चर्चा हुई। साथ ही जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के शिक्षकों की प्रोन्नति तथा इसे सशक्त बनाने की दिशा में पृथक विभाग के गठन पर भी बैठक में चर्चा हुई।
बैठक में वित्त सचिव सुखदेव सिंह, राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, उच्च तकनीकी शिक्षा सचिव राजेश शर्मा व विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल थे।
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कोल्हान विवि में प्रमाणपत्रों में एचओडी के हस्ताक्षर
राज्यपाल ने कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं को दी जा रही डिग्री के प्रमाणपत्रों में कुलपति/प्रतिकुलपति के हस्ताक्षर के बजाए एचओडी के हस्ताक्षर होने पर आश्चर्य के साथ नाराजगी प्रकट की। उन्होंने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए कुलपति, प्रतिकुलपति को चेतावनी भी दी कि भविष्य में इस तरह की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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नहीं आया जेपीएससी से कोई
राज्यपाल ने शिक्षकों की प्रोन्नति में देरी के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को जिम्मेदार ठहराया। जबकि इस बैठक में आयोग से कोई भी पदाधिकारी शामिल नहीं हुआ। राज्यपाल ने इसे लेकर भी नाराजगी प्रकट की।
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रांची विवि ने दी गलत रिपोर्ट
रांची विश्वविद्यालय ने कालेजों के नैक से मूल्यांकन में राजभवन को गलत रिपोर्ट दे दी। इसपर राज्यपाल ने क्षोभ प्रकट करते हुए संबंधित पदाधिकारी को शो-कॉज करने का निर्देश कुलपति को दिया।
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राज्यपाल के अन्य निर्देश
-विश्वविद्यालय शीघ्र ऑडिट कराएं।
-अपने अधीनस्थ कॉलेजों का नैक से शीघ्र मूल्यांकन कराएं।
-श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि में आधारभूत संरचनाएं विकसित की जाएं।
-सेवानिवृत्त कर्मियों को समय पर सेवानिवृत्ति का लाभ दें। रजिस्ट्रार पेंशन के सभी लंबित मामलों का निष्पादन दो माह के भीतर करें।
- एकेडमिक कैलेंडर का हर हाल में पालन हो। समय पर परीक्षाएं हो।
- लोकप्रिय व रोजगार उपलब्ध कराने वाले पाठ्यक्रम संचालित करने पर जोर दें।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना शिक्षित भारत एवं उन्नत भारत अभियान के सफल क्रियान्वयन की दिशा में काम करें।
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