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पुलिसकर्मियों के लिए बने वर्दीधारी शिक्षक, पढ़ा रहे कर्तव्य व नैतिकता के पाठ

रांची में पुलिस अधिकारी अजीत डुगडुग पुलिस वालों के शिक्षक की भूमिका में हैं। वे अपने जवानों को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 08:44 AM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 08:44 AM (IST)
पुलिसकर्मियों के लिए बने वर्दीधारी शिक्षक,  पढ़ा रहे कर्तव्य व 
नैतिकता के पाठ
पुलिसकर्मियों के लिए बने वर्दीधारी शिक्षक, पढ़ा रहे कर्तव्य व नैतिकता के पाठ

जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी रांची में अब वर्दीधारी शिक्षक की भूमिका निभाने लगे हैं, रांची के ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग। ये अपने पद के कर्तव्य के अलावा जिले के पुलिसकर्मियों को विशेष शिक्षा दे रहे हैं। पुलिस सेवा में रहकर नैतिक मूल्यों, आदर्शो, क‌र्त्तव्यों के अलावा कानूनी पाठ पढ़ा रहे हैं। वे कुशल व्यवहार की सीख भी देते हैं। इनकी यह शिक्षा कई मायने में उनसे सीख लेने वालों के काम आ रही। कहीं क‌र्त्तव्यों के निर्वहन में तो, कहीं सामाजिक काम करने में। अजीत पीटर डुंगडुंग हर रविवार को रांची के न्यू पुलिस लाइन में जिले के पुलिसकर्मियों के लिए एक विशेष क्लास का आयोजन करते हैं। इस क्लास में अनुसंधान की बारीकियों के अलावा सामुदायिक पुलिसिंग और सामाजिक सरोकार का पाठ पढ़ाते हैं। रविवार का दिन उनकी रूटीन का हिस्सा बन गया है। उनसे सीख लेने पुलिसकर्मी भी पुलिस लाइन पर पहुंचते हैं। डायरी लेखन से की शुरुआत :

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अजीत पीटर डुंगडुंग ने रांची में पदभार लेने के बाद यहां के एएसर्आ और एसआइ स्तर के पुलिसकर्मियों को डायरी लेखन के गुर सिखाए। उन्होंने डायरी में आम तौर पर लेखन के दौरान होने वाली खामियों और उससे अपराधियों को मिलने वाले लाभ के संबंध में बताया। उन गलतियों को सुधार करते हुए अपराधियों को सजा दिलाने की दिशा में बेहतर केस डायरी लिखने के गुर सिखाए। पॉक्सो-एमवी एक्ट का प्रशिक्षण :

ग्रामीण एसपी पुलिसकर्मियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करते रहते हैं। कभी डालसा के अधिकारियों से, तो भी कानूनी जानकारों से संपर्क कर प्रशिक्षण व कार्यशाला का आयोजन करते रहते हैं। इधर हाल में पॉक्सो एक्ट की जानकारी के लिए डालसा की मदद से कानूनी जानकारों को बुलाकर प्रशिक्षण दिलवाया। सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी बुलाकर मानव तस्करी, पॉक्सो एक्ट, बाल अपराध, महिला अपराध पर शिक्षा दिलाई और खुद भी इसकी विस्तृत जानकारी दी। इसी तरह मोटर व्हिकल (एमवी) एक्ट के लिए कार्यशाला का आयोजन कर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया।


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