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सीमा लकड़ा शिक्षा से रोशन कर रहीं बच्चों का भविष्य

सीमा लकड़ा ने गरीबों बच्चं के लिए स्कूल खोला, आज उनके पढ़ाए कई बच्चे अच्छी पोजीशन पर है। आज भी गरीबों को निश्शुल्क शिक्षा मुहैया कराती हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 07:39 AM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 07:39 AM (IST)
सीमा लकड़ा शिक्षा से रोशन कर रहीं बच्चों का भविष्य
सीमा लकड़ा शिक्षा से रोशन कर रहीं बच्चों का भविष्य

जागरण संवाददाता, रांची : महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। बात चाहे देश चलाने की हो या फिर आसमान में उड़ने की। समाजसेवा में महिलाओं का योगदान अहम है। ऐसी ही एक महिला ने जनहित में काम करते हुए बच्चों का भविष्य संवार दिया है। इनके द्वारा समाजहित में तमाम कार्य किए जा रहे हैं। यह हैं हरिहर सिंह रोड की रहने वाली सीमा लकड़ा, 2001 से ज्ञानोदय नाम से अपना स्कूल हरिहर सिंह रोड में ही चला रही हैं। ऐसा संभव हो पाया है समाज के कई लोगों द्वारा दिए गए डोनेशन व उनके परिवार वालों की मदद से।

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संवार रहीं बच्चों का भविष्य

पिछले कई वषरें से समाजसेवा के कायरें से जुड़ी हैं। इसदौरान उन्होंने गरीब बच्चों का भविष्य संवारने का काम किया, तो वहीं जनहित के कायरें में भी बढ़ चढ़कर भाग लिया। उनके पति की मृत्यु असामयिक ही हो गई, वह पुलिस विभाग में कार्यरत थे। सीमा लकड़ा ने अपना पूरा समय समाज को समर्पित कर दिया। तब से अब तक

सीमा कहती हैं 'हमारा काम बेहतर शिक्षा और संरक्षण के माध्यम से गरीब परिवेश से आने वाले बच्चों का पालन पोषण करना है। स्कूल का लक्ष्य बच्चों की जिज्ञासा और उनके सवालों का बेहतर तरीके से जवाब देना है। यहा शिक्षा में नए प्रयोगों पर जोर दिया जाता है। सीमा के मुताबिक 'करना, खोजना और पढ़ना ही हमारा मार्ग है। 15 बच्चों से हुई शुरुआत आज 250 बच्चों तक पहुंच गई है। इसके बाद उन्होंने आसपास की गरीब महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाए। अब सीमा ऐसे बच्चों को जिनके माता-पिता नहीं हैं या फिर पढ़ाने में असमर्थ हैं,अपने स्कूल बुलाकर पढ़ाती हैं। चुनौतियों का किया सामना

सीमा बताती हैं कि इस रास्ते पर चलना आसान नहीं है। जरूरतमंद बच्चों की पहचान और दाखिला सबसे बड़ी चुनौती है। उनके मुताबिक हमारा लक्ष्य गरीब बच्चों की मदद करना है। यहा हमारे सामने सही बच्चे की पहचान करने की चुनौती होती है। बच्चों का दाखिला कराने के लिए अकसर अभिभावक झूठ का सहारा लेते हैं। इसके लिए हम व्यक्तिगत रूप से अभिभावकों से बात करने के अलावा बच्चे के परिवार का सर्वे भी करवाते हैं। क्या निकला परिणाम

इस स्कूल से पढ़े कई युवा स्नातक हो चुके हैं, जिनमें से कई वोकेशनल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कुछ युवा नौकरी के साथ उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनके यहा शिक्षक छात्र अनुपात बहुत अच्छा है और हर बच्चे की व्यक्तिगत देखभाल की जाती है। इससे अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। सबसे बड़ा फायदा तो यह हो रहा है कि यहा के समाज को शिक्षा का महत्व पता चल रहा है। इसके अलावा युवा अपने भविष्य को लेकर अच्छे सपने देखने लगे हैं।


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