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राष्ट्रीय औसत से कम कवरेज; पोषण के लिए बढ़ाना होगा मिड डे मील का दायरा

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर संचालित मध्याह्न भोजन योजना के कवरेज में झारखंड पिछड़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 04:53 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 04:53 PM (IST)
राष्ट्रीय औसत से कम कवरेज; पोषण के लिए बढ़ाना होगा मिड डे मील का दायरा
राष्ट्रीय औसत से कम कवरेज; पोषण के लिए बढ़ाना होगा मिड डे मील का दायरा

रांची, राज्य ब्यूरो। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर संचालित मध्याह्न भोजन योजना का उद्देश्य बच्चों का ड्राप आउट रोकने के साथ-साथ उनका पोषण सुनिश्चित करना है। बच्चों के पोषण को लेकर ही इसमें मेनू और मात्रा निर्धारित किए गए हैं। लेकिन झारखंड में इस योजना का कवरेज राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।

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राज्य के दस जिलों में तो लगभग 40 फीसद बच्चे मध्याह्न भोजन नहीं खा पाते। जिस राज्य में लगभग आधे बच्चे कुपोषित हों, वहां इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती। नामांकित बच्चों में से अधिक से अधिक बच्चे मध्याह्न भोजन योजना का लाभ ले सकें, इसे सुनिश्चित करना होगा।

झारखंड में प्राइमरी स्कूलों में नामांकित बच्चों में 67 फीसद तथा अपर प्राइमरी में 63 फीसद बच्चे ही औसतन मध्याह्न भोजन खा पाते हैं।

जबकि इस योजना के कवरेज का राष्ट्रीय औसत 76 फीसद है। चालू वित्तीय वर्ष में बजट की स्वीकृति के लिए 25 मई को दिल्ली में हुई प्रोग्राम एप्रूवल बोर्ड (पैब) की बैठक में राज्य सरकार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में यह बात सामने आई। इसके मिनट्स की कॉपी पिछले दिनों राज्य सरकार को मिली है।

इस बैठक में केंद्र ने स्कूलों के कार्य दिवस कम होने पर भी सवाल उठाया। केंद्र ने 254 दिनों के लिए मध्याह्न भोजन की स्वीकृति दी थी, जबकि 247 दिन ही स्कूल खुले रहे। बैठक में शामिल राज्य के पदाधिकारियों ने सफाई दी कि गर्मी की छुट्टी का विस्तार होने तथा स्थानीय कारणों से इतने दिन स्कूल नहीं खुल सके।

केंद्र ने तलब की रिपोर्ट : पैब की बैठक में मध्याह्न भोजन योजना का कवरेज कम होने पर चर्चा के दौरान केंद्र ने राज्य सरकार को इसपर पूरी रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही इनोवेटिव आइडिया से इसका कवरेज बढ़ाने का निर्देश दिया। इससे पहले राज्य के पदाधिकारियों ने राज्य बजट से योजना में सप्ताह में तीन दिन अंडा या फल बच्चों को देने से छह फीसद कवरेज बढ़ने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि दो लाख फर्जी नामांकन रद किए गए हैं।

इन जिलों का राज्य औसत से भी कम कवरेज (आंकड़े प्रतिशत में)

प्राइमरी स्कूल : देवघर : 56, गिरिडीह : 59, गढ़वा : 60, पाकुड़ : 62

अपर प्राइमरी स्कूल : साहिबगंज : 51, दुमका : 53, गढ़वा : 54, गिरिडीह : 54, देवघर : 59, धनबाद : 60, पाकुड़ : 60, लातेहार : 61, लोहरदगा : 61, पश्चिमी सिंहभूम : 62


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