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फिर आंदोलन की राह पर पारा शिक्षक, बीआरपी व सीआरपी

-2008 के बाद नियुक्त पारा शिक्षकों को हटाने के निर्देश का विरोध किया। -पारा शिक्षकों का बा

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 02:08 AM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 02:08 AM (IST)
फिर आंदोलन की राह पर पारा शिक्षक, बीआरपी व सीआरपी
फिर आंदोलन की राह पर पारा शिक्षक, बीआरपी व सीआरपी

-2008 के बाद नियुक्त पारा शिक्षकों को हटाने के निर्देश का विरोध

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-पारा शिक्षकों का बायोमीट्रिक उपस्थिति बनाने से इन्कार

राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य में सर्व शिक्षा अभियान (अब समग्र शिक्षा अभियान) के तहत कार्यरत पारा शिक्षक, प्रखंड साधन सेवी (बीआरपी) तथा संकुल साधन सेवी (सीआरपी) एकबार फिर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। पारा शिक्षकों ने जहां 2008 के बाद नियुक्त पारा शिक्षकों को हटाए जाने के शिक्षा सचिव एपी सिंह के निर्देश का विरोध किया है, वहीं बीआरपी तथा सीआरपी ने भी अपनी मांगों को लेकर रांची में सोमवार को बैठक कर जिला व राज्य स्तर पर धरना कार्यक्रम का निर्णय लिया।

पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष हृषिकेश पाठक ने कहा है कि शिक्षा सचिव ने शनिवार को हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह निर्देश जारी किया है। जबकि पहले भी कई बार विभाग से निर्देश जारी कर उनकी नियुक्ति की जांच की गई है। इसके बावजूद इस तरह का फरमान जारी करने से पारा शिक्षक हतोत्साहित होते हैं। एक तरफ राज्य सरकार पारा शिक्षकों को अल्प मानदेय देती है तो दूसरी तरफ, बार-बार नया फरमान जारी करती है। कहा है कि नौ सितंबर कर बैठक कर पारा शिक्षक चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लेंगे। पारा शिक्षकों ने ज्ञानसेतु कार्यक्रम के तहत बायोमीट्रिक उपस्थिति बनाने से भी इन्कार कर दिया है।

सात सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना

इधर, बीआरपी-सीआरपी महासंघ की हुई बैठक में पांच सूत्री मांगों को लेकर सात सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों तथा 12 सितंबर को धुर्वा स्थित राज्य परियोजना कार्यालय के समक्ष धरना कार्यक्रम का निर्णय लिया गया। यह जानकारी देते हुए संघ के अध्यक्ष पंकज शुक्ला व मीडिया प्रभारी अमर खत्री ने कहा कि बीआरपी, सीआरपी की समस्याओं के निराकरण के लिए फरवरी माह में ही प्राथमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। आज तक इस कमेटी ने रिपोर्ट नहीं सौंपी। बीआरपी-सीआरपी ने ई-विद्यावाहिनी कार्यक्रम के तहत स्कूलों की मानीट¨रग के लिए प्रतिदिन क्रमश: 150 रुपये तथा 100 रुपये भत्ता देने की भी मांग की है।

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