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सम्मान पाकर निहाल हुए मैट्रिक-इंटर के टॉपर्स, जैक ने मेधा को सराहा तो खिल उठे चेहरे

झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने रविवार को पिछले दो साल के मैट्रिक इंटर के टॉपर्स को सम्मानित किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 09:42 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 09:42 AM (IST)
सम्मान पाकर निहाल हुए मैट्रिक-इंटर के टॉपर्स, जैक ने मेधा को सराहा तो खिल उठे चेहरे
सम्मान पाकर निहाल हुए मैट्रिक-इंटर के टॉपर्स, जैक ने मेधा को सराहा तो खिल उठे चेहरे

रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने रविवार को पिछले दो साल के मैट्रिक, इंटर व अन्य परीक्षाओं के टॉपरों को सम्मानित कर अपना स्थापना दिवस मनाया। अतिथियों से पुरस्कार पाकर वर्ष 2017 व 2018 के टॉपर्स के चेहरे खिल उठे।

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प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे टॉपरों को प्रमाणपत्रों के साथ 21 हजार, 15 हजार व 10 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिए गए। इसी तरह श्रेष्ठ स्कूलों को 25-25 हजार रुपये का ईनाम दिया गया। बेस्ट जिला के डीएसई व डीईओ भी सम्मानित किए गए। मुख्य अतिथि विधानसभाध्यक्ष डॉ. दिनेश उरांव व विशिष्ट अतिथि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह समेत सैकड़ों शिक्षक, छात्र व अभिभावक इस पल के गवाह बने।

विधानसभा के स्थापना दिवस पर करेंगे सम्मानित : विधानसभाध्यक्ष डॉ. दिनेश उरांव ने कहा कि सम्मानित होने वाले बच्चे समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करें। आपसे समाज को बहुत उम्मीदें हैं। शिक्षकों के लिए समय प्रबंधन अति महत्वपूर्ण है।

इन्होंने कहा कि 22 नवंबर को विधानसभा के स्थापना दिवस पर मैट्रिक व इंटर के तीनों संकाय के प्रथम टॉपर को 11-11 हजार रुपये देकर सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा वर्ष 2017 व 2018 के संत माइकल नेत्रहीन हाई स्कूल के टॉपर्स मेधा मंडल व सनत हांसदा को 51-51 हजार रुपये देकर सम्मानित किया जाएगा।

खुद को करें ऐसा तैयार कि न लेना पड़े अनुदान : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव एपी सिंह ने कहा कि जैक बड़े रेगुलेटर के तौर पर कार्य कर रहा है। इस भूमिका को विस्तार दें। जैक अनुदानित के साथ सरकारी स्कूलों को भी रेगुलेट करे।

सरकारी स्कूल में जो कमियां हैं उसे भी बताएं ताकि जो हमारे लिए अनुपयोगी हैं उसे भी बंद कर सकें। सचिव ने कहा कि अनुदानित स्कूल खुद को इस रूप में तैयार करें कि उन्हें अनुदान लेने की जरूरत नहीं पड़े।

विशेषकर शहरी क्षेत्र में जो अनुदानित स्कूल हैं सरकार उन्हें अनुदान क्यों दे। जहां ऐसे स्कूलों की जरुरत है उन्हें अनुदान मिले। यह बच्चों की भलाई के लिए है। शिक्षा सचिव ने कहा कि जैक जितनी प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करती है उसका भी कैलेंडर जारी हो। छात्रों का एक सत्र प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने और उसके रिजल्ट के इंतजार में ही बीत जाता है। टेट परीक्षा को भी कैलेंडर में शामिल करें।

प्रमाणपत्रों में क्यूआर कोड : जैक अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने जैक की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन से लेकर रिजल्ट जारी करने तक की सारी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया। प्रमाणपत्रों में क्यूआर कोड उपयोग हुआ ताकि फर्जी प्रमाणपत्र तैयार न हो।

पाठ्यक्रमों को सीबीएसई के अनुसार अपग्रेड कर इसकी स्वीकृति के लिए सरकार को भेज दिया गया है। सिदो-कान्हू विवि के कुलपति प्रो. मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि उच्च शिक्षा में क्वालिटी तभी आएगी जब परिषद क्वालिटी तैयार करे।

जारी नहीं हुई टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाएं: जैक अपने हर स्थापना दिवस पर मैट्रिक व इंटर के टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाएं जारी करता रहा है। ऐसा 2016 तक हुआ। लेकिन इस बार उत्तरपुस्तिकाएं ऑनलाइन जारी नहीं की गई।

टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाएं देखने से अन्य छात्र-छात्राएं भी जान पाते थे कि किसी प्रश्न का उत्तर कैसे बेहतर तरीके से लिखा जाना चाहिए। पारदर्शिता भी बनी रहती थी। कार्यक्रम में वीसी डॉ. अंजनि श्रीवास्तव, जैक उपाध्यक्ष फूल सिंह, सचिव रजनीकांत वर्मा, विनोद बिहारी महतो विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. सत्यजीत सिंह, उर्सूलाइन की प्राचार्या सिस्टर मेरी ग्रेस, मारवाड़ी स्कूल के प्राचार्य ब्रजकिशोर प्रसाद, साईनाथ विवि के वीसी प्रो. एसपी अग्रवाल, संजय सेठ, सहित अन्य थे।


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