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कांग्रेसियों के लिए एक दिन का लक्ष्य महीने में भी मुश्किल

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड में कांग्रेस की तैयारियां तो बड़ी दिखती हैं लेकिन धरातल पर हश्र

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 08:00 AM (IST)
कांग्रेसियों के लिए एक दिन का लक्ष्य महीने में भी मुश्किल
कांग्रेसियों के लिए एक दिन का लक्ष्य महीने में भी मुश्किल

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड में कांग्रेस की तैयारियां तो बड़ी दिखती हैं लेकिन धरातल पर हश्र कई बार मुंह दिखाने लायक नहीं होता। बड़े सपनों के साथ कार्यकर्ताओं को सीधे केंद्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मोबाइल एप के माध्यम से जोड़ने को प्रोजेक्ट शक्ति लांच किया गया और इसकी शुरूआत करने प्रदेश प्रभारी स्वयं पहुंचे। लक्ष्य बांटे गए, जिम्मेदारियां दी गई लेकिन हुआ कुछ नहीं। कोई खुलकर बताने को तैयार तो नहीं लेकिन प्रतिदिन 5 हजार कार्यकर्ताओं को इससे जोड़ने का लक्ष्य था और एक महीना पूरा होने पर कम से कम एक लाख कार्यकर्ता तो जुड़ ही जाने चाहिए थे। आठ अगस्त को शुरू हुई योजना के 25 दिन पूरे हो गए हैं और अब तक आंकड़ा पांच हजार भी नहीं पहुंचा है। कांग्रेस नेता भी इस अभियान की उपलब्धियों पर चर्चा नहीं करना चाहते।

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योजना को फेल होने से बचाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने इस काम में नई टीम को लगा दिया है। सभी जिलों प्रोजेक्ट शक्ति के तहत एक-एक उपाध्यक्ष को जिम्मेदारी दी गई है। इसकेअलावा पांच जोनल कोर्डिनेटर अलग से नियुक्त किए हैं। एक-दो दिनों में नई टीम की सक्रियता दिखने का दावा भी किया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस में गारंटी किसी बात की नहीं। 81 विधानसभा क्षेत्रों में जूनियर-सीनियर मिलाकर पांच हजार कार्यकर्ताओं को नहीं जोड़ पाए इसका मतलब सीधे यही है कि एक विधानसभा में एक दिन में दो लोग जोड़े जा रहे हैं। एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों को छोड़ दें तो कहीं भी आंकड़ा तीन अंकों में नहीं पहुंचा है।

धोखे के आंकड़े काम नहीं आएंगे

प्रोजेक्ट शक्ति का जो तरीका बताया गया है उसमें धोखा देकर सदस्य बनाने वाले लोग सफल नहीं हो पाएंगे। यही कारण है कि पुराने कांग्रेस मुंह के बल गिरते दिख रहे हैं। सदस्य बनाने के लिए मतदाता सूची में नाम, उसी व्यक्ति का मोबाइल आदि कई शर्ते हैं जो पूरा करने में परेशानी हो रही है।

दस दिन बाद ही संभलने की कोशिश

पहले दस दिन के नतीजे से पूरी पार्टी सदमे में है। रिपोर्ट केंद्रीय अध्यक्ष तक जाएगी। सो, किसी भी हाल में बेहतर करने की कोशिश में पूरी पार्टी लग गई। 18 अगस्त को जारी रिपोर्ट में दस दिनों में महज 1734 लोग जुटे थे। इसके बाद की गई मशक्कत भी कुछ ठोस परिणाम नहीं दे रही है।

कोट

कार्यकर्ताओं में जागरुकता आई है। हर जिले में उपाध्यक्ष और 5 जोनल कोर्डिनेटर बनाने के लिए प्रखंड अध्यक्ष तक को सक्रिय कर दिया गया है। शीघ्र ही परिणाम सामने होगा।

राजेश ठाकुर, प्रदेश मीडिया प्रभारी।

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