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प्रदर्शन के बाद प्रबंधन ने मानी सीसीएल कर्मियों की मांग

जागरण संवाददाता, रांची : सीसीएल मुख्यालय में दो दिनों तक कर्मियों के जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 02:29 AM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 02:29 AM (IST)
प्रदर्शन के बाद प्रबंधन ने मानी सीसीएल कर्मियों की मांग
प्रदर्शन के बाद प्रबंधन ने मानी सीसीएल कर्मियों की मांग

जागरण संवाददाता, रांची :

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सीसीएल मुख्यालय में दो दिनों तक कर्मियों के जोरदार विरोध प्रदर्शन के बाद प्रबंधन ने सीसीएल कर्मियों की मांगों को मान लिया है। शनिवार को मुख्य भवन के सामने सैकड़ों सीसीएल कर्मियों को निर्णय सुनाते हुए कार्मिक निदेशक आरएस महापात्र ने कहा कि अगस्त महीने की तनख्वाह से सीपीआरएमएस के दो हजार रुपये नहीं काटे जाएंगे। लेकिन आगे 20 महीनों के लिए बने इस नियम पर जेबीसीसीआइ फैसला करेगी। इस संबंध में कर्मियों की मांग को ले कर नोटशीट मुख्यालय भेज दिया गया है। सीपीआरएमएस के तहत पैसे कटने पर अंतिम निर्णय जेबीसीसीआइ ही लेगी।

इसके अलावा केरल रिलीफ के लिए सभी कर्मियों की एक दिन की तनख्वाह कटने पर भी रोक लगा दी गई है। कार्मिक निदेशक ने कहा कि केरल के मदद के लिए पैसे देना कर्मियों की मर्जी पर निर्भर करेगा। इसके लिए पांच दिनों का समय दिया गया है। पांच सितंबर तक कर्मी अपना सहयोग या विरोध कागज पर लिख कर दें। कर्मियों की मर्जी से ही उनकी सैलरी से पैसे काटे जाएंगे। विरोध के बीच दोपहर तक बंद रहा कार्य -

पैसों की कटौती को ले कर सीसीएल कर्मियों का विरोध सुबह 10 बजे से ही शुरू हो गया। कार्मिक निदेशक ने कुछ लोगों को बुला कर वार्ता करने करने का प्रस्ताव रखा। लेकिन कर्मी सबके सामने वार्ता करने पर अड़े रहे। कल्याण महाप्रबंधक रश्मि दयाल के बार-बार समझाने के बाद भी लोग नहीं माने तब कार्मिक निदेशक ने स्वयं आ कर लोगों से बात-चीत की। इस बीच दोपहर तक मुख्यालय परिसर में सभी कार्य बाधित रहे। ज्ञात हो कि यह विरोध प्रदर्शन शुक्रवार दोपहर से ही चल रहा था। सैलरी स्लिप के आने पर लोगों को पैसों की कटौती के बारे में पता चला और विरोध में 3 बजे ही प्रदर्शन शुरु कर दिया गया था। लाठी चार्ज में महिला चोटिल, निलंबन की मांग -

विरोध को रोकने के लिए मौके पर कर्मियों पर लाठी चार्ज भी हुआ। निदेशक के वार्ता के पूर्व नारेबाजी पर काबू पाने के लिए यह कदम उठाया गया। इस दौरान कुछ लोगों को चोटें आई और एक महिला बुरी तरह चोटिल हो गई। कार्मिक निदेशक से वार्ता के दौरान कर्मियों ने इसकी कड़ी निंदा की और लाठी चार्ज का आदेश देने वाले को निलंबित करने की मांग की। कर्मियों ने कहा कि विरोध प्रकट करना उनका हक है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान ऐसा कदम शर्मनाक है।


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