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लगातार पांच वर्षो तक पोषण का सर्वे कराएगी सरकार

राज्य सरकार कुपोषण से निपटने के लिए अब लगातार पांच वर्षो तक पोषण के स्तर का सर्वे करवाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 07:26 AM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 07:26 AM (IST)
लगातार पांच वर्षो तक पोषण का सर्वे कराएगी सरकार
लगातार पांच वर्षो तक पोषण का सर्वे कराएगी सरकार

रांची : राज्य सरकार कुपोषण से निपटने के लिए अब लगातार पांच वर्षो तक पोषण के स्तर का सर्वे कराएगी। इस पर 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे सरकार को रियल टाइम वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल पाएगी। वहीं, राज्य सरकार ने गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए कम्युनिटी बेस्ड मैनेजमेंट का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने दोनों कार्यक्रमों के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजा है।

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अभी तक राज्य सरकार को पोषण की स्थिति की जानकारी के लिए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के ही सहारा रहना पड़ता था। पिछला नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-फोर 2015-16 में हुआ। इससे पहले यह सर्वे 2005-06 हुआ था। राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के पदाधिकारियों का मानना है कि नियमित रूप से सर्वे नहीं होने से पोषण के स्तर की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। राज्य स्तर पर भी यह सर्वे होने से यह पता चल पाएगा कि किन जिलों या क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट के अनुसार ही झारखंड में 11.4 फीसद बच्चे गंभीर रूप से कुपोषण से ग्रसित हैं, जिनमें मौत का खतरा नौ से बीस गुना अधिक रहता है। ऐसे बच्चों की संख्या 5.8 लाख है। इनके देखभाल के लिए ही कम्युनिटी बेस्ड मैनेजमेंट की योजना है।

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ऐसे दूर हो सकता है कुपोषण

-नवजात को जन्म के एक घटे के अंदर स्तनपान कराया जाए।

-नवजात को पहले छह माह के दौरान केवल मां का दूध दिया जाए।

-शिशुओं को छह महीने पूरे होने के बाद ऊपरी आहार देना चाहिए। साथ ही कम से कम दो साल और उससे अधिक समय तक मा का दूध देना जारी रखना चाहिए।

-6-24 माह के प्रत्येक बच्चे को उम्र के हिसाब से उपयुक्त पोषक आहार मिले।

-प्रत्येक बच्चे का पूर्ण टीकाकरण होना चाहिए। इसके अलावा वर्ष में दो बार विटामिन ए की खुराक तथा कृमिनाशक की गोली दी जानी चाहिए।

-गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को समय पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय आहार दिया जाना चाहिए तथा उनकी देखभाल करनी चाहिए।

- डायरिया ग्रसित बच्चे को ओआरएस घोल तथा जिंक की खुराक देनी चाहिए।

-किशोरियों को एनीमिया से बचाने के लिए समुचित पोषक आहार, साप्ताहिक आयरन एवं फॉलिक एसिड की खुराक तथा साल में दो बार कृमिनाशक की गोली देना चाहिए।

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