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जरूरी काम छोड़ पॉलीथिन ढूंढने में लगे हैं निगम के अधिकारी

चैंबर की शिकायतों पर निगम इसका अस्थाई समाधान अवश्य कर रहा है। मगर, यह पर्याप्त नहीं है।

By Edited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 10:29 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 10:29 AM (IST)
जरूरी काम छोड़ पॉलीथिन ढूंढने में लगे हैं निगम के अधिकारी
जरूरी काम छोड़ पॉलीथिन ढूंढने में लगे हैं निगम के अधिकारी

रांची : चैंबर भवन में कार्यकारिणी समिति की दसवीं बैठक अध्यक्ष रंजीत गाडोदिया की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई गंभीर बिंदुओं पर चर्चा हुई। अध्यक्ष रंजीत ने कहा कि राज्य में नगर निकायों के अधिकारी सड़क-नाली व सफाई व्यवस्था के विकास कायरें को छोडकर केवल पॉलीथिन ढूंढने में लगे हैं। जिलों में अधिकारी दुकानों में छापे मारकर प्लास्टिक के नाम पर दुकानों को सील कर रहे हैं।

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अधिकारियों की इस कार्यप्रणाली से व्यवसायियों में रोष है। उन्होंने कहा कि सरकार को नगर निगम और नगर निकायों के अधिकारियों की इस कार्यशैली पर मंत्रणा करने की आवश्यकता है। चार दिनों से हो रही बारिश में ही शहर के कई इलाकों की दुकानों में पानी घुस जा रहा है। दुकान में पानी घुसना यह दर्शाता है कि निगम ने बारिश से निपटने के लिए किस तरह की तैयारी की थी।

हालांकि चैंबर की शिकायतों पर निगम इसका अस्थाई समाधान अवश्य कर रहा है। मगर, यह पर्याप्त नहीं है। चैंबर महासचिव कुणाल अजमानी ने कहा कि प्रमुख शहरों में ट्रैफिक दबाव कैसे कम हो, इसके लिए सरकार ने मोबिलीटी प्लान तैयार करने के उद्देश्य से एक कमेटी का गठन चैंबर के प्रतिनिधत्व से किया है। व्यापारी मोबिलिटी प्लान से संबंधित अपने सुझाव चैंबर को अवश्य भेंजे। मौके पर अध्यक्ष रंजीत गाडोदिया, उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल, सोनी मेहता, सह सचिव प्रवीण जैन छाबड़ा, अश्विनी रजगढि़या, कोषाध्यक्ष राहुल मारू, कार्यकारिणी सदस्य दीपक मारू, राहुल साबू, पंकज पोद्दार, प्रवीण लोहिया समेत अन्य लोग मौजूद थे।

300 से 400 करोड़ लगाकर बनी नाली, मगर दूर नही हुई परेशानी चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि हाल के ही दिनों में 300-400 करोड़ लगाकर राजधानी की नालियों को दुरूस्त किया गया था। जिसमें आम जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। मगर, परेशानी दूर नहीं हुई। इन नालियों से जल-जमाव अधिक हो रहा है। पानी की निकासी व्यवस्था ठीक नहीं की गई है। 

शुल्क बकाया होने पर रद्द हुई 32 लोगों की सदस्यता चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि बैठक के दौरान कुल 32 चैंबर सदस्यों की सदस्यता शुल्क बकाया होने के कारण रद्द कर दी गई है। इसमें 27 साधारण सदस्य, 4 संबद्ध संस्था और 1 कारपोरेट सदस्य शामिल हैं। इनलोगों का सदस्यता शुल्क 3 वर्ष तक का बकाया है। उन्होंने कहा कि चैंबर सदस्यों के डाटा अपग्रेडेशन का कार्य आरंभ है। सदस्य प्राप्त आवेदनों को शीघ्र भरकर चैंबर की सहायक एजेंसी को सुपुर्द करें, ताकि अपग्रेडेशन का कार्य ससमय पूरा किया जा सके ।


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