गरीब की अब नहीं होगी भूख से मौत, सरकार देगी दस-दस किलो चावल
राज्य सरकार ने राशन से वंचित लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष का गठन कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में अब किसी भी गरीब की भूख से मौत नहीं होगी। राज्य सरकार ने राशन से वंचित लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए 'झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष' का गठन कर दिया है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद खाद्य, सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता मामले विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। इसके लिए 6,67,80,000 रुपये के प्रावधान झारखंड आकस्मिकता निधि से किए गए हैं।
वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत ग्रामीण जनसंख्या के अधिकतम 86.48 फीसद तथा शहरी जनसंख्या के 60.20 फीसद आबादी को अनुदानित दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा सकता है। इस प्रकार बड़ी आबादी इस अधिनियम से आच्छादित नहीं है। वहीं, विशेष परिस्थितियों में राशन कार्ड होने के बावजूद कई लाभुकों को राशन नहीं मिलने की बात सामने आती रहती है। इनमें कई निर्धन और जरूरतमंद परिवार भी होते हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह खाद्यान्न कोष गठित करने का निर्णय लिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं शहरी क्षेत्रों में निकायों के अलावा जिला स्तर पर उपायुक्त स्तर पर यह कोष गठित किया गया है। राज्य के कुल 4,398 पंचायतों और 1,030 वार्डों में से सभी को दस-दस हजार रुपये की अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाएगी। पंचायत व निकाय इस राशि का उपयोग नियमानुसार कर सकेंगे। जिन नगर निकायों में वार्ड का गठन नहीं हुआ है, उन्हें एक-एक लाख रुपये अनुदान के रूप में मिलेंगे। इसके अलावा प्रत्येक जिलों को पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे क्षेत्र जो ग्राम पंचायत या नगर निकाय के अंतर्गत नहीं आते उन क्षेत्रों में लाभुकों द्वारा इस राशि का नियमानुसार उपयोग किया जाएगा।