पुलिसकर्मी के दो नाबालिग बेटे गैंग बनाकर करते थे मोबाइल चोरी, धराए
चारों बच्चे मां-बाप की बीमारी का बहाना बनाकर आम लोगों और मोबाइल दुकानों में चोरी की मोबाइल की बिक्री करते थे।
रांची। रांची पुलिस के लिए एक महिला पुलिसकर्मी के दो नाबालिग बेटे सिर दर्द बने थे। वे चार नाबालिगों का गैंग बनाकर शहर के लॉज, फ्लैट व बाजार से पलक झपकते मोबाइल उड़ा लेते थे। लालपुर पुलिस ने इनकी रेकी करते हुए चारों को लालपुर क्षेत्र के मातृका आश्रम के समीप स्थित एक घर से चारों को पकड़ा। इनके पास से लगभग छह लाख रुपये की कीमत के 32 मोबाइल बरामद किए गए। सिटी एसपी अमन कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी कि चार नाबालिगों में दो नाबालिग एक महिला पुलिसकर्मी के बेटे हैं। महिला पुलिसकर्मी फिलहाल चतरा जिले में पोस्टेड हैं। चारो नाबालिग लालपुर थाना क्षेत्र में रहते थे। पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी कि लॉज, हॉस्टल, सब्जी मार्केट जैसे इलाकों से मोबाइल की चोरी हो रही है और मोबाइल चोरी की घटनाओं को नाबालिग अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने चारों नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया।
सादे लिबास में पहुंची पुलिस ने पकड़ा
पुलिस की जांच के दौरान लालपुर थाने में पदस्थापित सबइंस्पेक्टर सोहन लाल को सूचना मिली कि मातृका आश्रम के समीप स्थित एक घर में चार नाबालिग मोबाइल चोरी कर जमा किए हुए हैं। इस सूचना पर पुलिस ने नियमानुसार सादे लिबास में पहुंची और उनकी तलाशी ली। उस समय घर में कोई मौजूद नहीं था। चारों को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने पर उन्होंने बताया कि वे शहर में मोबाइल चोरी करते हैं। उन्ही की निशानदेही पर अलग-अलग जगहों से 32 मोबाइल बरामद किए गए।
मां-पिता की बीमारी का बहाना बनाकर करते थे बिक्री
सिटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि पुलिस गिरफ्त में आए चारों नाबालिगों ने पूछताछ में बताया कि चारों बच्चे मां-बाप की बीमारी का बहाना बनाकर आम लोगों और मोबाइल दुकानों में चोरी की मोबाइल की बिक्री करते थे। मोबाइल बिक्री की रेट दो हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये थे। मोबाइल बिक्री के पैसों से वे नशा करते थे। नशा की लत की वजह से वे पेशेवर चोर बन चुके थे। बताया जा रहा है संबंधित पुलिसकर्मी का पति से तलाक हो चुका है। पति से दूर रहने की वजह से बेटे गलत संगत में पड़कर चोरी में जुट गए। पुलिसकर्मी बेटों पर ध्यान नहीं दे पाती।