नाली के अभाव में कीचड़ में तब्दील हुआ जेपी मार्केट
रांची : बारिश का मौसम सुहाना होने वाली बात राजधानी के लोगों के लिए नहीं है। यहां तो र
रांची : बारिश का मौसम सुहाना होने वाली बात राजधानी के लोगों के लिए नहीं है। यहां तो रोजना हजारों लोग बरसात का रोना रोने को मजबूर हैं। यूं तो पूरे शहर की सूरत इन दिनों एक सी है, लेकिन वार्ड 38 में धुर्वा क्षेत्र का जेपी मार्केट में समस्याओं ने अपना घर सा बना लिया है। विकास के नाम पर ना तो इस क्षेत्र में सड़कें ही हैं और ना ही नालियां। नालियां तो मुख्य सड़क के किनारे भी नहीं है। ज्ञात हो कि जेपी मार्केट जेएससीए स्टेडियम के ठीक किनारे है जहां आए दिन अंतरराष्ट्रीय मैच होते रहते हैं।
लोगों से बात-चीत और मौका मुआयना के आधार पर पता चला कि स्मार्ट सिटी बनाने के दौर में धुर्वा जैसा क्षेत्र अभी भी आधारभूत सुविधाओं की राह देख रहा है। कहने को तो फोर लेन सड़क है, लेकिन उसके किनारे नालियां नहीं है। अब समस्या है कि सड़क का पानी किनारे आ कर जमा हो जाता है। साफ दिखता है कि यदि वहां नालियां होती तो पानी बह कर आगे निकल जाता।
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नहीं है नालियां, सड़कों पर पानी -
मार्केट में नालियां कहीं नहीं है। कहीं कहीं नालियों के नाम पर कुछ गड्ढे किए गए हैं, जिनमें पानी की जगह मिट्टी भरा है। सड़कों पर बहने वाला पानी नालियों के अभाव में सड़क के किनारे जमा हो जाता है। लोगों की शिकायत है कि न तो कभी सड़कें बनाने के लिए कोई प्रयास किया गया है और ना ही कभी नालियों के लिए कोई प्रस्ताव ही बना है। वजह जो भी हो, जिस कदर बारिश के शुरुआती दिन में जेपी मार्केट पानी-पानी हो चुका है, आने वाले दिनों में ऐसा ना हो कि वहां से गुजरना मुश्किल हो जाए।
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फोर लेन से हटते ही नहीं दिखती है सड़क -
ताज्जुब है कि बाजार से हो कर गुजरने वाली सड़क तो फोर लेन है। लेकिन जैसे ही बाजार के अंदर जाने के लिए आप मुड़ते हैं, आपके सामने से सड़क गायब हो जाती है। वर्षो पहले बनी पतली सड़कें पानी से भरी हैं। पैदल चलें तो जूते गीले हो जाएं और बाइक का तो चलना ही मुश्किल है। लोगों ने खुद पहल करके एक दो ट्रक मिट्टी गिराई लेकिन बात नहीं बनी। बारिश में गिली मिट्टी कीचड़ बन गई है। निगम अपना काम सही ढंग से करता तो आज ये नौबत नहीं आती।
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बिजली की बदतर स्थिति से परेशान हैं लोग -
सड़क और नालियों के बाद जेपी मार्केट की सबसे बड़ी समस्या है बिजली की बदतर स्थिति। दुकानदारों ने बताया कि बिजली का आना जाना दिन भर लगा रहता है। बिजली के नहीं होने से घर के कई काम नहीं हो पाते हैं। उनका कहना है कि यदि बिजली कटने की पूर्व सूचना पहले दी जाती है तो लोगों को ज्यादा मुश्किल नहीं होगी। बिना सूचना के बिजली का कटना बेहद परेशान करने वाला है। इससे ना सिर्फ दुकानें बल्कि घरों में कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। बाजार में नहीं है एक भी शौचालय -
जेपी मार्केट एक विकासशील बाजार है। बावजूद इसके पूरे बाजार में एक भी शौचालय नहीं है। आस-पास के दुकानदारों की बातों से स्पष्ट होता है कि बाजार में बेहतर सुलभ शौचालय की बेहद आवश्यकता है। कई बार इसके लिए पहल भी की गई है लेकिन कोई नतीजा निकलकर नहीं आया है। शौचालय के होने से लोगों को शौच के लिए बाजार से दूर नहीं जाना होगा। प्रतिक्रिया -
बाजार में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। सप्लाई पाइप तो बिछी है लेकिन उसमें पानी नहीं आता। पानी के अभाव में पूरे क्षेत्र के सभी लोग बाल्टी से पानी ले कर आते हैं।
उदय शंकर शर्मा।
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इस क्षेत्र में एक शौचालय की अत्यंत आवश्यकता है। कई स्थानों से लोग आते हैं और उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। शौचालय के होने से लोगों को काफी सुविधा होगी।
संतोष चौबे।
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नालियों की स्थिति बहुत ही खराब है। पहले तो नालियां है नहीं और कहीं-कहीं है भी तो उनकी स्थिति ऐसी है कि उनका ना होना ही अच्छा था। सबसे पहले यहां नालियों का निर्माण होना चाहिए।
सतेंद्र कुमार।
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मंदिर के ठीक सामने पानी का जमाव है। हमने दो बार मिट्टी डाल कर गड्ढे तो भर दिए लेकिन बिना सड़क के निर्माण के स्थिति ठीक नहीं हो सकती है। लोगों की परेशानियों को समझे और जल्द ही सड़क का निर्माण कराए।
केश्वर साह।