Move to Jagran APP

लीकेज को ठीक करने के लिए विभाग के पास नहीं है कोई योजना

रांची : राजधानी अभी भी पानी की गंभीर समस्या से जूझ रही है। गर्मियों की शुरुआत के बाद अभी तक यहां के

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Jun 2018 08:38 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jun 2018 08:38 AM (IST)
लीकेज को ठीक करने के लिए विभाग के  पास नहीं है कोई योजना
लीकेज को ठीक करने के लिए विभाग के पास नहीं है कोई योजना

रांची : राजधानी अभी भी पानी की गंभीर समस्या से जूझ रही है। गर्मियों की शुरुआत के बाद अभी तक यहां के लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया है। एक ओर पानी की समस्या शहर में गंभीर होती जा रही है और दूसरी ओर पाइपों के लीकेज के द्वारा पेयजल विभाग हजारों लीटर पानी बहा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि विभाग अभी भी इसे एक छोटी समस्या बता रहा है। इस समस्या से निबटने के लिए ना तो अभी तक कोई योजना बनी है और ना ही कोई अन्य समाधान निकल कर आ सका है।

loksabha election banner

अधिकारियों से बातचीत के दौरान पता चला कि बेहद पुराने पाइप में लीकेज की कई सामान्य वजह हैं। हालत ऐसी है कि वॉल्व से ले कर एयर वॉल्व तक से लीकेज हो रही है। इसके अलावा कई बार पाइप के फटने की भी समस्या सामने आई है। यदि जल्द ही पाइप के लीकेज से निबटने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं निकाला गया तो शहर में पानी बर्बाद होने का सिलसिला और भी तेज हो जाएगा। पाइप को बदलना ही है समाधान -

शहर में सप्लाई पानी की बर्बादी को रोकने का एक मात्र समाधान पाइप को बदलना है। पाइप को बदले बिना लीकेज रोकना संभव नहीं है क्योंकि शहर के लगभग सभी पाइप बेहद पुराने हो चुके हैं। एक तरफ लीकेज की मरम्मत की जा रही है तो दूसरी तरफ उतने ही लीकेज दोबारा तैयार हो जा रहे हैं। इतना ही नहीं, एक ही स्थान पर बार बार लीकेज हो रहे हैं। साफ है कि जितनी भी बार लीकेज की मरम्मत हो, लेकिन स्थायी उपाय के तौर पर विभाग के हाथ खाली है।

महीनों बाद भी नहीं बन सके हैं कई लीकेज

शहर में लीकेज का हाल कुछ ऐसा है कि कि अभी भी दर्जनों लीकेज बनने की आस में हैं। ये लीकेज एक महीने से ज्यादा समय से हैं जिनके बनने की कोई उम्मीद भी नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन लीकेज के माध्यम से कितना पानी अब तक बर्बाद हो चुका है। पानी की समस्या से जूझ रही रांची का इस तरह पानी को बर्बाद करना चिंताजनक है। आज बनती है योजना तो दो साल बाद होगा समाधान -

लीकेज की योजना के अभाव में शहर का पानी बर्बाद होता रहेगा। गौर करने वाली बात यह है कि यदि आज पाइप को बदलने के लिए योजना बनती भी है तो भी कम से कम दो सालों तक लीकेज की समस्या बनी रहेगी। योजना के बाद टेंडर पास होगा, इसके बाद पाइप खरीदे जाएंगे। इसमें छह महीने का समय लगना तय है। इन सबके बाद पुराने पाइपों को एक एक करके निकालने और उनकी जगह नई पाइप बिछाने में कम से कम दो साल लगेंगे। लेकिन अभी तक इसकी कोई योजना ही नहीं बनी है। इससे पता चलता है कि राजधानी को अभी कई सालों तक लीकेज से निजात नहीं मिल सकेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.