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शुरू में इलाज से विटिलिगो का इलाज संभव

विटिलिगो यानी चरक रोग (सफेद दाग)का निदान संभव है, अगर इसका शुरुआत में ही इलाज किया जाय। सफेद दाग के प्रति लोगों में भ्रांति है जिसे दूर किया जाना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 08:27 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 08:27 AM (IST)
शुरू में इलाज से विटिलिगो का इलाज संभव
शुरू में इलाज से विटिलिगो का इलाज संभव

रांची : विटिलिगो यानी चरक रोग (सफेद दाग)का निदान संभव है, अगर इसका शुरुआत में ही इलाज किया जाए। यह आम राय व‌र्ल्ड विटिलिगो डे के उपलक्ष्य में रिम्स के चर्म रोग विभाग में आयोजित सेमिनार में उभर कर आई। कार्यक्रम में डॉ. एसएस चौधरी, प्रोफेसर एंड हेड स्किन डिपार्टमेंट, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. एचके पॉल, डॉ. सौम्या पी तिर्की सहित पीजी स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस मौके पर एक्स मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. एसके चौधरी और वर्तमान मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. प्रो. विवेक कश्यप आमंत्रित अतिथि के रूप में मौजूद थे। सभी विशेषज्ञों ने इस रोग से जुड़ी अपनी राय रखी। सफेद दाग छुआछूत की बीमारी नहीं

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मौके पर विशेषज्ञों ने जानकारी देते हुए बताया कि जब इंसान के शरीर में रंग बनानेवाली कोशिकाएं विपरीत अवस्था में कार्य करने लगती हैं, तो त्वचा पर सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं। वषरें पहले इसे श्वेत कुष्ठ माना जाता था। लोग मरीज से दूरी बनाना शुरू कर देते थे, जबकि यह गलत है। सफेद दाग छुआछूत की बीमारी नहीं है और न ही यह किसी तरह का कुष्ठ है। अगर मरीज जल्दी डॉक्टर के पास पहुंचता है, तो उसका पूरी तरह उपचार हो सकता है। सफेद दाग के प्रति इसी भ्राति को दूर करने के लिए प्रति वर्ष 25 जून को विश्व विटिलिगो दिवस मनाया जाता है। रोगियों और परिजनों को भी दी गई जानकारी

मौके पर रोगियों और उनके परिजनों को भी इस विटिलिगो रोग से जुड़ी जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि रिम्स में पीयूवीए चैंबर में पूरे शरीर को डाल कर रोगी का इलाज किया जाता है। यहां पर विटिलिगो की सर्जरी निश्शुल्क है। विटिलिगो के लक्षण

-शरीर के किसी भी भाग में त्वचा का रंग हल्का पड़ना अथवा सफेद होना।

-प्रभावित स्थान पर खुजली होना.

-चोट, जलने और छिलने के बाद चमड़ी का रंग सफेद हो जाना

-शरीर, सिर और भौंहों के बाल का सफेद होना.

-तिल के आसपास सफेद घेरा बनना. इलाज

-दवा, सिंकाई और सर्जरी आदि से सफेद दाग को ठीक किया जा सकता है.

-शुरुआती दौर में खानेवाली दवा से इसे ठीक किया जाता है।

-पुराने मामलों में पंच ग्राफ्टिंग, स्किन ग्राफ्टिंग, मेलेनेसाइट ग्राफ्टिंग जैसे सर्जिकल उपायों की मदद ली जाती है।

-टैटू बना कर भी कुछ मरीजों के दाग छुपाए जाते हैं।

-अल्ट्रॉवायलेट-बी (यूवीबी) से सिंकाई, पीआरपी ट्रीटमेंट आदि से भी कई मरीजों को फायदा मिला है।


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