दर्शन देने पालकी पर नगर में निकले भगवान वेंकटेश्वर
रांची : दक्षिण भारतीय वाद्य यंत्र नादेश्वरम की गूंज। पालकी पर भगवान वेंकटेश्वर। दक्षिण भारत से ही
रांची : दक्षिण भारतीय वाद्य यंत्र नादेश्वरम की गूंज। पालकी पर भगवान वेंकटेश्वर। दक्षिण भारत से ही आए पालकी ढोने वाले। पीत वस्त्र में सजी सैकड़ों महिलाएं। अद्भुत और अलौकिक दृश्य। शनिवार की दोपहर में भगवान श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर, जगत्जननी श्री श्रीदेवी और श्री भूदेवी के साथ अनंत शेष वाहन पर विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले और भक्तों को खूब आशीष दिया। दर्शन कर श्रद्धालुओं की आंखें निहाल हो गई। नाद का स्वर दूर-दूर तक गूंज रहा था।
भगवान की पालकी के आगे स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी साधु-संतों के साथ रथ-वाहन पर विराजमान थे। उनके आगे ओम शर्मा की भजन मंडली श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण का मधुर गान गाते हुए चल रही थी।
सबसे आगे भगवान श्रीनिवास की 151 ध्वज पताकाओं को लेकर सुहागिन महिलाएं और कुमारी कन्याएं चल रही थीं। पालकी उठाने के लिए कहारों का विशेष दल दक्षिण भारत के कांचीपुरम से आया था। दल पालकी रूपी शेषशय्या को लेकर चल रहा था। दक्षिण का प्रसिद्ध नादेश्वरम वाद्य यंत्र भगवान की स्तुति का गान करते हुए शोभायात्रा के साथ चल रहा था। सैकड़ों की संख्या में भक्त लोग शोभा यात्रा में शामिल थे तथा हजारों की संख्या में सड़क के दोनों किनारे खड़े भक्त भगवान् के दर्शन का लाभ ले रहे थे। इस तरह श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर से चलकर राणी सती लेन, रातू रोड, हरमू रोड, गाड़ीखाना, कार्टसराय, जेजे रोड, पुस्तक पथ, महावीर चौक होते हुए श्रीनिवास टावर स्थित श्री भगवान् दास सत्संग हॉल में पधारे। सुदर्शन होम से दूसरे दिन की शुरुआत
श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर, राची के एकादश वार्षिकोत्सव सह कल्याणोत्सव के दूसरे दिन शोभायात्रा से पहले प्रात: नौ बजे श्री सुदर्शन होम हुआ। काचीपुरम से आए मुख्य अर्चक श्रीवत्स भट्टर और श्रीकन्न भट्टर ने भगवान श्री लक्ष्मी वेंकटेश की तिरू आराधना की, भोग चढ़ाया और आरती उतारी। शास्त्रीय विधि से अग्नि प्रज्वलित की गई। मंत्रोच्चारण के बीच श्री सुदर्शन होम प्रारंभ हुआ। श्री सुदर्शन होम का सारा कार्य स्वामी अनिरुद्धाचार्यजी के निर्देशन में संपन्न हुआ। हैदराबाद से आए मुकुंदन स्वामी ने कहा कि सुदर्शन का तात्पर्य है-अच्छे मार्ग, सही मार्ग में ले जाने वाला। सुदर्शनजी और भगवान में कोई अंतर नहीं है, वे एक ही हैं। सुदर्शन केवल आयुध नहीं हैं, वे भगवान के अंश ही है। आज होगा भगवान का विवाह
वर पक्ष के मुख्य यजमान रामअवतार-शारदा नारसरिया, वधू पक्ष में श्रीश्रीदेवी के मुख्य यजमान संजय कोमल केजरीवाल और भूदेवी के मुख्य यजमान मनोज संगीता अग्रवाल ने श्रीसुदर्शन होमम का संकल्प दिया। आयोजन में दिल्ली से आए महेश चंद्र-सविता अग्रवाल सहित श्रीमाधव नारायणाचार्य, गोविंदाचार्य, मुकेश शास्त्री, अनूप अग्रवाल, विनय धरनीधरका, सुशील लोहिया, उदय राठौर, मुरारी मंगल, रमेश धरनीधरका, गोपाल लाल चौधरी, प्रदीप नारसरिया, घनश्याम दास शर्मा, रामवृक्ष साहु, अशोक राजगढि़या, गोपाल लाल चौधरी, नारायण जालान , एन. रामास्वामी और रंजन सिंह सहित सैकड़ों भक्त और यजमान उपस्थित थे।