महाधिवक्ता पहुंचे भाजपा कार्यालय, विपक्ष ने खोला मोर्चा
देश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की उपस्थिति में हुई इस अहम कार्यशाला में महाधिवक्ता अजीत कुमार ने भाजपा कार्यकर्ताओं को भूमि अधिग्रहण के तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया।
रांची, राज्य ब्यूरो। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर विपक्ष पर पलटवार के लिए बुलाई गई भाजपा विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की विशेष बैठक में महाधिवक्ता अजीत कुमार की उपस्थिति खासी चर्चा में रही। विपक्ष ने जहां इसे मुद्दा बनाया वहीं भाजपा ने उनकी उपस्थिति को सामान्य करार दिया। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि वे भूमि अधिग्रहण बिल पर तकनीकी जानकारी देने आए थे। कार्यशाला में केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत भी उपस्थित थे। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के तकनीकी पहलुओं को समझने के लिए प्रदेश भाजपा ने अपने विधायकों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के लिए शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया था।
प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की उपस्थिति में हुई इस अहम कार्यशाला में महाधिवक्ता अजीत कुमार ने भाजपा कार्यकर्ताओं को भूमि अधिग्रहण के तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया। कहा, भूमि अधिग्रहण कानून ब्रिटिश काल से है। परंतु इस कानून ने उद्योग धंधे तो खड़े किए लेकिन उचित कानून के अभाव में आज भी लाखों लोग विस्थापन और पुर्नवास की समस्या से जूझ रहे हैं। यूपीए शासनकाल में ही भूमि अधिग्रहण का नया कानून 2013 में बना। राज्य सरकार ने आवश्यकतानुसार केवल आंशिक सरलीकरण ही किया है। उन्होंने कहा कि इस कानून की धारा 10 में सामाजिक प्रभाव के कानून में सरलीकरण की आवश्यकता हुई क्योंकि यह लंबी प्रक्रिया थी।
सरकार ने 10 (क) सरलीकरण के माध्यम से केवल सरकारी योजनाओं के लिए प्रक्रिया को सरल किया है। उन्होंने भाजपा नेताओं के कानून सरलीकरण से संबंधित प्रश्नों का उत्तर भी दिया। बैठक में राज्य सरकार के मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, रणधीर सिंह, विधायक विमला प्रधान, राधाकृष्ण किशोर, मनीष जायसवाल, बिरंची नारायण, हरेकृष्ण सिंह, राज सिन्हा, योगेश्वर महतो, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र तिवारी, प्रिया सिंह, ऊषा पांडेय, प्रदीप वर्मा, आदित्य साहू, महामंत्री दीपक प्रकाश, अनंत ओझा, प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव आदि उपस्थित थे।
विपक्ष ने जताई घोर आपत्ति
भाजपा के कार्यकर्ता हैं महाधिवक्ता : झामुमो झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महाधिवक्ता के भाजपा कार्यालय में जाने की निंदा की है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भंट्टाचार्य और विनोद पांडेय ने कहा कि उनका कामकाज भाजपा कार्यकर्ता सरीखा है जबकि वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं। अगर महाधिवक्ता एक दल के कार्यकर्ता की तरह काम करेंगे तो राज्य की दशा-दिशा क्या होगी?
संवैधानिक पदों का भगवाकरण : कांग्रेस झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने भी महाधिवक्ता के भाजपा दफ्तर में जाने पर आपत्ति जताई है। मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि यह संवैधानिक पदों का भगवाकरण है। महाधिवक्ता को इससे परहेज करना चाहिए। उन्होंने एक राजनीतिक दल के दफ्तर में जाकर मर्यादा पार की है। अधिकारी भाजपा कार्यकर्ता के रोल में आ गए हैं।
आजसू ने भी कहा गलत महाधिवक्ता सरकार के महाधिवक्ता होते हैं न कि किसी पार्टी की। वे किसी तरह का सुझाव देने पार्टी कार्यालय में नहीं जा सकते। पार्टी कैडर के रूप में वे जाते हैं तो कोई बात नहीं।
देवशरण भगत, केंद्रीय प्रवक्ता, आजसू
विपक्ष का चरित्र विकास विरोधी
गिलुवा -पत्थलगड़ी को राष्ट्रविरोधी शक्तियां गलत तरीके से प्रचारित कर रहीं हैं राज्य ब्यूरो, रांची भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने विपक्ष के चरित्र को विकास विरोधी बताया है। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में भूमि अधिग्रहण सरलीकरण कानून पर विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित कार्यशाला में गिलुवा ने कहा कि विपक्ष नकारात्मक राजनीति करने का आदी हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की बातों को हमें जनता के बीच पहुंचाना है जिससे दिग्भ्रमित करने वाली शक्तियां परास्त हों। विपक्ष को विकास से कुछ लेना देना नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सरलीकरण विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है। इसकी मूल आत्मा के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। बल्कि सरलीकरण के माध्यम से रैयत को मुआवजा प्राप्त करने में सहूलियत होगी। उन्हें एक समय सीमा के अंदर शीघ्र मुआवजा मिलेगा। पत्थलगड़ी पर कहा कि यह सरना समाज का अधिकार है तथा उनकी परंपरा का अंग है। जिसे आज राष्ट्रविरोधी शक्तियां गलत तरीके से प्रचारित कर रहीं हैं। प्रदेश की जनता ऐसी शक्तियों का लगातार विरोध कर रही है।
कानूनी पहलुओं को समझने के लिए महाधिवक्ता को दिया गया था आमंत्रण
भाजपा की कार्यशाला में महाधिवक्ता की उपस्थिति पर प्रदेश भाजपा ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि भूमि अधिग्रहण मामले के कानूनी पहलुओं को समझने के लिए पार्टी ने उन्हें आमंत्रित किया था। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि महाधिवक्ता राज्य के चीफ लीगल ऑफिसर भी होते हैं। संविधान के प्रावधानों में और कोड ऑफ कंडक्ट में महाधिवक्ता के कहीं आने जाने पर प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं की है।