बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर निलंबित
-जेलों की निरीक्षण के लिए हाई कोर्ट की कमेटी से सही व्यवहार न करने का मामला -जेलर के ज
-जेलों की निरीक्षण के लिए हाई कोर्ट की कमेटी से सही व्यवहार न करने का मामला
-जेलर के जवाब से संतुष्ट न होने पर तत्काल प्रभाव से किया निलंबित
-अवमानना नोटिस भी जारी, कारा महानिरीक्षक मामले की करेंगे जांच राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस एके गुप्ता की कोर्ट ने शुक्रवार को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर चंद्रशेखर प्रसाद सुमन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया। जेलों के निरीक्षण के लिए हाई कोर्ट की ओर से बनी वकीलों की कमेटी के सदस्यों के साथ सही व्यवहार नही करने पर कोर्ट ने उक्त आदेश दिया। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि कमेटी के सदस्यों को जांच के दौरान वैसा ही सम्मान मिलना चाहिए था जैसा कि हाई कोर्ट को मिलता है, क्योंकि उक्त कमेटी हाई कोर्ट द्वारा गठित की गई है।
कोर्ट ने कारा महानिरीक्षक को इस मामले की जांच का आदेश दिया और कहा कि जब तक कारा महानिरीक्षक अंतिम जाच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं करते हैं, तब तक जेलर निलंबित रहेंगे। कमेटी के सदस्यों ने जेलर के खराब रवैये की शिकायत की थी। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जेलों में सुधार, आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को अपने राज्य के जेलों के मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया था। इसी आदेश के तहत झारखंड हाई कोर्ट ने चार वकीलों की एक कमेटी बनाई और राज्य के सभी केंद्रीय कारा का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।
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अपर डिविजन सेल के बारे में दी गलत जानकारी
वकीलों की कमेटी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा जांच के लिए गई थी। निरीक्षण के दौरान कमेटी के सदस्यों ने जेलर से अपर डिविजन सेल (वीआइपी कैदी वार्ड) के बारे में जानकारी मागी। जेलर ने बताया कि ऐसे दो वार्ड हैं। एक वार्ड में ताला बंद देख कमेटी के सदस्यों ने इसका कारण जानना चाहा तो जेलर ने बताया कि इसमें कोई नहीं है, इसलिए ताला बंद है। इसका ताला खोलने को कहा गया तो जेलर ने टालते हुए कहा कि इसकी चाबी नहीं मिल रही। कमेटी के सदस्यों ने कोर्ट को बताया कि जेल के कुछ लोगों ने उन्हें जानकारी दी थी कि बंद अपर डिविजन सेल में कैदी हैं, जिन्हें छिपाया जा रहा है। इसके बाद टीम दूसरे वार्ड में गई। जेलर से बंद कैदियों की संख्या पूछी, तो उन्होंने सात बताई, लेकिन जब मुआयना किया तो उस सेल में मात्र छह कैदी ही मिले। जेलर सातवें कैदी के बारे में सटीक जानकारी नहीं दे पाए।
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1.45 बजे से जेलर नहीं करेंगे काम :
कमेटी के सदस्यों से जानकारी मिलने के बाद हाई कोर्ट ने जेलर व अधीक्षक को 1.30 बजे कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया। जेलर जब कोर्ट पहुंचे तो कमेटी के सदस्यों के समक्ष उनसे जवाब मागा, लेकिन कोर्ट जेलर के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कहा कि 1.45 बजे से वह काम नहीं करेंगे।