झारखंड के प्रतिबंधित पीएफआइ के दो सदस्यों पर चेन्नई में चार्जशीट
एनआइए ने शशि कुमार हत्याकांड में दाखिल की पूरक आरोप पत्र, 18 मार्च को छापेमारी में चार आरोपितों के घर से मिले थे आपत्तिजनक दस्तावेज।
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड में प्रतिबंधित पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के दो सदस्यों पर चेन्नई में बहुचर्चित शशि कुमार हत्याकांड में गुरुवार को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने चेन्नई स्थित एनआइए की विशेष अदालत में यह चार्जशीट दाखिल किया है।
आरोपितों में अबू उर्फ सईद अबुतगीर व मुबारक उर्फ मोहम्मद मुबारक शामिल हैं। इससे पूर्व एनआइए ने 7 अप्रैल को दो अन्य आरोपित सद्दाम उर्फ सद्दाम हुसैन व सुबैर के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।
सी. शशि कुमार तमिलनाडू के कोयंबटूर जिले के ¨हदू मुन्नानी के प्रवक्ता थे, जिनकी 22 सितंबर 2016 को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 23 सितंबर को कोयंबटूर के थूडियालुर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस केस को एनआइए ने टेकओवर किया था।
जांच के दौरान एनआइए ने चार आरोपितों के घरों में छापेमारी की थी। इस छापेमारी में एनआइए को पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दान रसीद, पीएफआइ के साहित्य, पीएफआइ के सीडी, मोबाइल फोन, सीडी व पेन ड्राइव, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के जाकिर नाइक के डीवीडी व पीएफआइ से संबंधित अन्य दस्तावेज हाथ लगे थे।
छानबीन में यह खुलासा हुआ था कि एक साजिश के तहत पीएफआइ के चारो आरोपितों ने मिलकर नृशंस तरीके से शशि कुमार की हत्या कर दी थी ताकि वे आम लोगों के बीच अपनी दहशत कायम कर सकें। एनआइए की छानबीन अभी जारी है।
झारखंड-बंगाल सीमा पर सक्रिय है पीएफआइ :
पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य झारखंड-बंगाल सीमा पर सक्रिय हैं। पाकुड़, साहेबगंज व जामताड़ा में अपनी पकड़ मजबूत कर चुके पीएफआइ के सदस्यों को बांग्लादेश की आतंकी संगठन जमायत-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश का समर्थन प्राप्त है। दोनों ही संगठन झारखंड में प्रतिबंधित हैं।
पीएफआइ के विरुद्ध सर्वाधिक मामले झारखंड के पाकुड़ में दर्ज हैं, जिनके केस को लड़ने से जब वहां का बार एसोसिएशन इन्कार कर दिया तब देश के विभिन्न जगहों से पीएफआइ ने चार अधिवक्ताओं को बुलाकर मुकदमे की पैरवी की।