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गेतलसूद डैम की मछलियों का नहीं मिल रहे खरीदार

अनगड़ा : आठवें दिन भी गेतलसूद डैम में मछलियों के मरने का सिलसिला जारी रहा। दोपहर बाद आए आधी-पानी के क

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 09:16 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 09:16 AM (IST)
गेतलसूद डैम की मछलियों का नहीं मिल रहे खरीदार
गेतलसूद डैम की मछलियों का नहीं मिल रहे खरीदार

अनगड़ा : आठवें दिन भी गेतलसूद डैम में मछलियों के मरने का सिलसिला जारी रहा। दोपहर बाद आए आधी-पानी के कारण मरी अधिकतर मछलिया ओरमाझी प्रखंड के भुसुर, हतवाल, बारीडीह की ओर बहकर चली गईं। पिछले एक सप्ताह से मछलियों की मरने की खबर से गेतलसूद डैम के आसपास के लोगों में भय व्याप्त है। लोगों ने मछलियों की खरीदारी बंद कर दी है। इसका असर गेतलसूद बाजार में लगनेवाले डेली मछली बाजार में भी दिखा। केज व अन्य जगहों से मारकर लाई गईं ताजा मछलियों के ग्राहक नहीं मिल रहे हैं। इससे मछली व्यापार करने वाले परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।

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गेतलसूद के अजय राज ने बताया कि गेतलसूद डैम से मछलियां मरने की सूचना से ही मछली खाना बंद कर दिया है। आज मेहमान आए थे, लेकिन नही खरीदी। दूसरी ओर मछली बेच रही उर्मिला देवी बताती हैं कि पिछले चार-पाच दिनों से व्यापार मंदा पड़ गया है। पहले मछली का बाजार खुलते ही तुरंत मछलिया बिक जाया करती थीं। अब तो जबरन देने से भी लोग नहीं खरीद रहे हैं। कई मछुआरे समाज के लोग तो रोजी-रोजगार के लिए दिहाड़ी मजदूरी का काम कर रहे हैं।

गेतलसूद मत्स्य सहयोग समिति के सचिव भोला महतो बताते हैं कि मामले की लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है। मरी मछलियों की अभी तक जाच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। गेतलसूद डैम का पानी प्रदूषित हो रहा है। कारण को भी ढकने का प्रयास किया जा रहा हैं। सिर्फ खानापूर्ति के लिए अधिकारी जाच करने आ रहे हैं। किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।


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