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दुष्कर्म के दोषी को सश्रम उम्रकैद की सजा

दुष्कर्म के मामले में पहली बार किसी अपराधी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। रांची की रहने वाली युवती ने रामगढ़ के शैलेंद्र पर पहले दुष्कर्म करने और उसके बाद शादी का झांसा देकर लगातार यौन शोषण का आरोप लगाया है। ब्रजेश ने और भी कई युवतियों से शादी की, कई युवतियों के साथ शादी का झांसा देकर यौन शोषण भी किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 09:23 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 09:23 PM (IST)
दुष्कर्म के दोषी को सश्रम उम्रकैद की सजा
दुष्कर्म के दोषी को सश्रम उम्रकैद की सजा

रांची : अपर न्यायायुक्त एसएस प्रसाद की अदालत ने दुष्कर्म के दोषी रामगढ़ जिले के भुरकुंडा के पटेल नगर निवासी ब्रजेश कुमार सिंह उर्फ विजय कुमार सिंह को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माने की राशि नहीं देने पर अभियुक्त को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। दुष्कर्म से संबंधित भादवि की धारा 376 के तहत उम्रकैद का यह संभवत: पहला मामला है। मामले में अभियोजन की ओर से आठ लोगों की गवाही न्यायालय में दर्ज कराई गई। गवाही के दौरान अदालत को कई ऐसे साक्ष्य मिले, जिससे पता चला कि अभियुक्त ब्रजेश पहले युवती को फंसाता था और बाद में शादी की नियत से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाता था। उसका वर्षो यौन शोषण करता था। अभियुक्त ने एक नहीं पांच से अधिक युवतियों के साथ ऐसा किया है। अदालत ने मामले में ठोस साक्ष्य पाकर सजा सुनाई। अदालत ने अभियुक्त को 14 जून को दोषी ठहराया था। अभियुक्त जनवरी 2014 से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है। जानकारों के अनुसार दुष्कर्म के आरोप में दोषी पाकर उम्रकैद की सजा पहली बार सुनाई गई है। इसके पूर्व अभियुक्तों को अधिकतम दस वर्ष तक की सजा सुनाई गई थी।

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रांची की युवती ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी :

रांची की रहने वाली 32 वर्षीय युवती ने ब्रजेश कुमार सिंह के खिलाफ 22 अप्रैल 2013 को दुष्कर्म करने व शादी का प्रलोभन देकर दो वर्षो तक यौन शोषण करने के आरोप लगाते हुए लोअर बाजार थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। ब्रजेश से अक्टूबर 2009 को रिम्स में रिश्तेदार के इलाज के दौरान उससे दोस्ती हुई। 25 अक्टूबर 2009 को ब्रजेश ने युवती को घर में अकेली पाकर उसके साथ जबरदस्ती की। धमकी भी दी कि किसी को न बताएं, बताने पर पूरे परिवार को खत्म करने की बात कही थी। ब्रजेश ने युवती के साथ कई बार संबंध बनाया। उसने 18 दिसंबर 2009 को मैरेज रजिस्ट्रेशन का आवेदन भी डाला। उसी रजिस्ट्रेशन के आधार पर 15 मार्च 2012 तक यौन शोषण करता रहा। बाद में शादी से इंकार कर दिया।

गवाही में खुला ब्रजेश का असली राज :

अदालत में गवाही के दौरान अभियुक्त ब्रजेश का असली राज खुला। उसने कई युवतियों से शादी की थी और कई से उसके संबंध रह चुके हैं। सासाराम डेहरी की एक युवती ने भी अदालत को साक्ष्य उपलब्ध कराए थी। उसने गवाही दी कि ब्रजेश के साथ 14 अगस्त 2012 को उसकी शादी डेहरी केएनीकट पंचमुखी मंदिर में हुई थी। उसने शादी का प्रमाण भी दिया। इसका मुकदमा सासाराम कोर्ट में चल रहा है। मामले के अनुसंधान पदाधिकारी गनौरी पासवान ने जाच में पाया कि डालमिया की रहनेवाली एक युवती से भी ब्रजेश ने शादी की थी। वहीं पता चला कि ब्रजेश ने एक दूसरी लड़की से भी शादी कर रखी है। इसके बाद फिर पता चला कि उसने अलग-अलग दो अन्य युवतियों को भी फंसा रखा है।


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