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भूख से मौत की अफवाह से दुखी हैं अधिकारी: सरयू राय

रामगढ़ में मौत भूख से हुई या स्वाभाविक रूप से यह तो जांच का विषय है, लेकिन टीम के समक्ष चितामण का बयान बड़ा सवाल खड़ा कर गया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 04:28 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 04:28 PM (IST)
भूख से मौत की अफवाह से दुखी हैं अधिकारी: सरयू राय
भूख से मौत की अफवाह से दुखी हैं अधिकारी: सरयू राय

राब्यू, रांची। प्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री ने सरयू राय ने कहा है कि दो दिन पूर्व रामगढ़ के कुजू में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण मौत को भूख से मौत बताकर राजनीतिक रोटी सेंकने और बेवजह अफवाह उड़ाने वालों की करतूत से उनके विभाग व रामगढ़ जिला प्रशासन के अधिकारी दुखी हैं। दूध का दूध व पानी का पानी करने के लिए वह चाहते हैं कि यदि मृतक का परिवार तैयार हो तो मृत शरीर को जमीन से निकालकर उसका पोस्टमार्टम करवाया जाए। इसके लिए वह तैयार हैं।

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चितामण की मौत के बाद प्रशासन सक्रिय

कुजू (रामगढ़) क्षेत्र के आरा कुंदरिया बस्ती के निकट वन भूमि पर निवास करने वाले चितामण मल्हार की मौत के बाद रामगढ़ जिला व मांडू प्रखंड मुख्यालय प्रशासन की तत्परता व सक्रियता देखते ही बनती है। शनिवार को अपर समाहर्ता विजय कुमार गुप्ता, एसडीएम अनंत कुमार, डीटीओ संजीव कुमार, सीएस डा. मार्शल आइंद, बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता, सीओ ललन कुमार, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डा. अशोक राम, एमओ दिनेश सिंह आदि पूरे लाव-लश्कर के साथ घटनास्थल पहुंचे।

एक तरफ एसी विजय कुमार गुप्ता की देखरेख में मांडू सीओ ललन कुमार मल्हार परिवार के सदस्यों से पूछताछ करते हुए सफेद पन्ने पर मुद्दे को अंकित करते हुए परिवार के अनपढ़ सदस्यों से धड़ाधड़ अंगूठे का निशान ले रहे थे। वहीं उन्हें हर सरकारी योजना का लाभ देने के प्रति आश्वस्त भी कर रहे थे। इस दौरान सीधे-साधे व अशिक्षित मल्हार परिवार के महिला-पुरुष सदस्य बिना कुछ जाने-बूङो अंगूठे का निशान दिए जा रहे थे। वहीं, सीएस व प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में चिकित्सा कर्मी मल्हार परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का हाल जान रहे थे। कुल मिलाकर जिला व प्रखंड मुख्यालय प्रशासन अपने गिरेबां को बचाता दिखा।

एसी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मृतक चितामण के पुत्र विदेशी मल्हार ने अपने पिता की मौत को स्वाभाविक मौत बताया है। इधर ओपी प्रभारी संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि हमारे यहां इस संबंध में मामला दायर नहीं किया गया है।

भोजन का अधिकार टीम के समक्ष पुत्र ने बताई हकीकत

चितामण की मौत भूख से हुई या स्वाभाविक रूप से यह तो जांच का विषय है, लेकिन शनिवार को रांची से पहुंची भोजन के अधिकार की टीम के समक्ष मृतक चितामण के पुत्र विदेशी मल्हार द्वारा दिया गया बयान बड़ा सवाल खड़ा कर गया। टीम में शामिल स्वाति नारायण, तारामणि साहू, धीरज कुमार, विवेक कुमार के सामने विदेशी ने कहा कि वह बाहर रह कर रोजी-रोटी कमाया करता था। 13 जून की देर रात अपने पिता चितामण के पास कुंदरिया बस्ती वन भूमि पहुंचने पर उन्हें सोया पाया।

देर रात होने के कारण उन्हें नहीं जगाया। पिता के साथ रहने वाले रिश्ते में छोटा भाई पवन ने बताया कि पिता के पास अनाज के नाम पर कुछ नहीं था। पड़ोस द्वारा जानकारी मिलने पर बचा-खुचा बासी भात दिया गया था। जो थोड़ा बहुत खाकर पिता सो गए थे। विदेशी ने कहा कि उन्हें आज तक सरकार की ओर से कोई लाभ नहीं दिया गया है।


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