अकीदतमंदों ने मांगी अमन-चैन की दुआ
रांची : राजधानी में प्रमुख ईदगाहों सहित तीस मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गई। ईद की नमाज
रांची : राजधानी में प्रमुख ईदगाहों सहित तीस मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गई। ईद की नमाज को लेकर राची ईदगाहों और मस्जिदों में सजावट की गई थी। सुबह से ही चहल-पहल रही। हरमू रोड स्थित राची ईदगाह और डोरंडा ईदगाह समेत कई मस्जिदों में नमाज का समय पहले से ही मुकर्रर था। समय के साथ अकीदतमंदों ने नमाज अदा की और शहर, राज्य व देश में अमन चैन की दुआ मांगी। नमाज के बाद एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद भी दी। चारों तरफ खुशियों की बारिश हो रही थी। नमाजियों ने दुआ मांगी, ऐ खुदा हमारे मुल्क को आबाद कर, हमारी मस्जिद और मदारिस की हिफाजत फरमा, हमारे मुल्क और कौम पर बदनिगाह दुश्मनों को नेस्तनाबूत कर दे, हमारे रोजा, नमाज, जकात, तरावीह व सदका-ए-फित्र को कुबूल फरमा..।
रांची ईदगाह में नमाज पढ़ाने के मौके पर मौलाना असगर मिस्बाही ने तकरीर की। कहा, कुरआन पूरी इंसानियत के लिए हिदायत का जरिया है। इसे पढ़ें, समझें और इसकी बातों पर अमल करें। रमजान के बाद भी झूठ, शराब और गुनाहों से बचें। बुराई से रिश्ता नहीं रखें। नमाज पढ़ते रहना है, कुरआन पढ़ते रहना है।
उन्होंने आवाज बुलंद की। कहा, हमें इस मुल्क से मोहब्बत है। सबसे पहले नबी आदम हिंदुस्तान आए। फिर हजरत शीश भी आए। हजरत जिबराइल फरिता नबियों के पास आते रहे। यहा की मस्जिदों और और ईदगाहों में वतन के लिए दुआ की जाती है।
उन्होंने फरमाया, कुछ लोग कहते हैं कि मुसलमान हिंदुस्तान में किरायेदार की तरह हैं। पर हमने इस मुल्क के लिए खून बहाया है। सन् 1857 में सिर्फ 15 दिनों में ही दो लाख मुसलमान, जिसमें 37,000 से अधिक उलेमा थे ने अपनी शहादत दी है। इस मुल्क से जितना मोहब्बत हम करते हैं, उतना दूसरा कोई नहीं कर सकता। कुछ लोग देश को बाटने की साजिश रच रहे हैं। यह हमारे लिए आजमाइश का साल है। हमें इस देश को बचाना है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रेस, पुलिस और हुकूमत में ईमानदारी होनी चाहिए।
इस बात पर चिंता भी व्यक्त की कि, मुसलिम पर्सनल लॉ में बदलाव लाने की कोशिशें हो रही है। यदि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ तो हमें इस्लाम से अलग होना होगा। आज पूरी दुनिया में मशलक, इलाका और खानदान के नाम पर भी मुसलमानों को बाटने की साजिश चल रही है। पर, उन्हें बाटने की साजिश करने वाला जहन्नुम में जाएगा। आज इसराइल मुसलमानों का सबसे बड़ा दुश्मन बन चुका है। उन्होंने अपनी तकरीर में बेटियों को पढ़ाने पर बल दिया। कहा, वही कौम तरक्की करती है, जो पढ़ती है। बेटों के साथ बेटियों को भी पढ़ाएं। इस्लाम ने हमेशा अमन और सलामती का पैगाम दिया है। नाहक किसी को मारने को जुल्म करार देता है। सारे इंसानों से अच्छे सलूक की हिदायत देता है। एकता-भाईचारे का संदेश देती 'ईद'
ईद का त्योहार आपसी भेदभाव, ऊंच-नीच व रंग-नस्ल के फर्क को भुला कर वहदानियत के नाम पर सारी इंसानी बिरादरी में इत्तेहाद, मेल-मिलाप, भाईचारगी व सामाजिक न्याय की एक जिंदा मिसाल पेश करता है। रमजानुल मुबारक के एक माह की रियाजत और तरबियत यानि इंद्रियों को संयमित रखने, झूठ-फरेब व मक्कारी से बचने, किसी को कष्ट न देने आदि के साथ ही जो दुआएं अल्लाह की बारगाह में की जाती हैं, उनके पसमंजर में मुल्क व कौम की तरक्की और भाईचारे की मजबूती का पैगाम है ईद। हर घर में छाई खुशियां
ईद के इस पाक मौके पर हर घर में खुशियों की बरसात हुई। बच्चे उत्साह से गले मिल रहे थे। बडे़ और बुजुर्ग भी पीछे नहीं थीं। महिलाएं ईद की मिठास घोल रही थीं। तरह-तरह के पकवान बनाने में मशगूल रहीं। तरह-तरह की सेवइयां भी परोसी जा रही थीं। कर्बला चौक पर लगे झूले
कर्बला चौक पर दर्जनों झूले और खाने-पीने के ठेले लगे थे। ईद पर बच्चों ने झूले पर खूब मस्ती की। बड़ों ने भी खाने-पीने का लुत्फ उठाया। आइसक्रीम से लेकर चाट और फुचका का आनंद लिया। दिन भर चहल-पहल रही।
इन मस्जिदों में पढ़ी गई नमाज
डोरंडा ईदगाह, राची ईदगाह, काके ईदगाह, बड़गाईं ईदगाह, चादनी मस्जिद गुदरी, डॉ. फतेउल्लाह मस्जिद, रंगसाज मस्जिद, मस्जिदे रजा गुदरी कुरैशी मोहल्ला, मस्जिदे असर काटाटोली, काटाटोली कुरैशी मोहल्ला मस्जिद, मस्जिदे नूरी मौलाना आजाद, मस्जिदे इलाही नगर कोकर, मस्जिद हम्जा मौलाना आजाद, बड़ी मस्जिद हिंदपीढ़ी, छत्ता मस्जिद लेक रोड, छोटी मस्जिद हिंदपीढ़ी, हवारी मस्जिद कर्बला चौक, अकबरिया मस्जिद हिंदपीढ़ी, इस्लामी मरकज हिंदपीढ़ी, शाही जमा मस्जिद मोरहाबादी, थड़पखना मस्जिद, मस्जिदे गौसिया गढ़ा टोली, मस्जिदे औलिया ग्वाला टोली, मस्जिदे गौसुल आजम, मजार वाली मस्जिद डोरंडा, दर्जी मोहल्ला डोरंडा मस्जिद, असरा मस्जिद मणि टोला डोरंडा, फिरदौस नगर मस्जिद मणि टोला, मरकजी मस्जिद डोरंडा, पुरानी राची मस्जिद। ----------
प्रेस क्लब में आज पहला ईद मिलन
राची : राची प्रेस क्लब में रविवार को पहला ईद मिलन होने जा रहा है। दोपहर 2 बजे शुरू होने वाला कार्यक्रम दो सत्रों में होगा। पहले सत्र में कवि सम्मेलन सह मुशायरा होगा। जिसमें गुमला, बोकारो, कटिहार, जमशेदपुर और राची के कवि-शायर शिरकत करेंगे। इनमें प्रवीण परिमल, सरवर साजिद, आफताब मंज़र, वीना श्रीवास्तव, रेणु मिश्रा, मुक्ति शाहदेव, रश्मि शर्मा, नीरज नीर, रजनी मल्होत्रा, सुहैल सईद, चेतना झा, सीमा चंद्रिका तिवारी और शिशिर सोमवंशी शामिल हैं। दूसरे सत्र में गजल गायिका मृणालिनी अखौरी शाम-ए-गजल को सुरमई बनाएंगी। आयोजन राची प्रेस क्लब और मरहबा हुमन सोसायटी मिलकर कर रही है।