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भाजपा के साथ संबंधों की समीक्षा करेगी आजसू

रांची : सरकार कीसहयोगी पार्टी आजसू ने भाजपा के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने की बात कही है। उपचुनाव में दोनों सीटों पर हार के बाद अपने आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सह आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि पार्टी गठबंधन बरकरार रखने और उपचुनाव में सहयोगी दल के रूप में भाजपा के सहयोग की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद पार्टी आगे निर्णय लेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 11:19 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 11:19 PM (IST)
भाजपा के साथ संबंधों की समीक्षा करेगी आजसू
भाजपा के साथ संबंधों की समीक्षा करेगी आजसू

रांची : सरकार कीसहयोगी पार्टी आजसू ने भाजपा के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने की बात कही है। उपचुनाव में दोनों सीटों पर हार के बाद अपने आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सह आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि पार्टी गठबंधन बरकरार रखने और उपचुनाव में सहयोगी दल के रूप में भाजपा के सहयोग की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद पार्टी आगे निर्णय लेगी।

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सुदेश ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसने विपक्षी दलों को सीएनटी-एसपीटी, भूमि अधिग्रहण और स्थानीयता जैसे मुद्दे दिए। विपक्षी दलों को बोलने का अवसर दिया। आजसू पार्टी लगातार इन मुद्दों को लेकर सरकार को सचेत करती रही। लेकिन जब चौतरफा दबाव पड़ा तो सरकार बैकफुट पर आई। कहा, कोई भी नीतिगत निर्णय एक पार्टी या सरकार अकेले नहीं ले सकती। ऐसे निर्णय समाज और दलीय आधार पर सामूहिक रूप से लिए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन मुद्दों पर विपक्ष नेतृत्व नहीं कर सकता क्योंकि सीएनटी-एसपीटी का सबसे अधिक उल्लंघन विपक्षी पार्टियों ने ही किया।

इससे पहले सुदेश ने उपचुनाव जीतने के लिए दोनों प्रत्याशियों के अलावा अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बेहतर प्रदर्शन के लिए बधाई दी। मौके पर मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक विकास मुंडा व पूर्व मंत्री उमाकांत रजक आदि भी उपस्थित थे।

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आजसू बनाम सभी दलों की थी लड़ाई :

सुदेश ने कहा कि यह उपचुनाव आजसू सभी नामित दलों के साथ लड़ रही थी। मुकाबला आजसू बनाम सभी पार्टियों का था। इसके बावजूद आजसू का जहां जनाधार बढ़ा, वहीं विपक्षी दलों का काफी कम हुआ। मात्र 17 दिनों की मेहनत से गोमिया में पार्टी ने 60 हजार जनता का दिल जीता। यहां पार्टी जीत की दहलीज पर पहुंच गई थी। सिल्ली में भी आजसू का जनाधार काफी बढ़ा। दोनों सीटें झामुमो की थीं, लेकिन संयुक्त दलों के प्रयास के बावजूद उसने बड़ा जनाधार खोया। उन्होंने कहा कि गोमिया के नतीजे ने यह साबित कर दिया कि आजसू के इस सीट पर दावेदारी सही थी।

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टारगेट कर आजसू कार्यकर्ताओं पर चटकाई लाठियां :

आजसू ने सिल्ली में मतदान के दौरान हुए लाठी चार्ज के सवाल पर कहा कि सिल्ली और गोमिया दोनों सीटों पर ऐसा हुआ। प्रशासन ने उनके कार्यकर्ताओं को चिह्नित कर उनपर लाठियां बरसाने का काम किया। किसी खास दल या प्रत्याशी के कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा करना निश्चित रूप से सवाल उठाता है। क्या ऐसा राज्य सरकार के आदेश पर हुआ, इसपर उन्होंने कुछ कहने से इन्कार कर दिया।

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