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गंदगी फैलाने वाली प्रवृति को बदलने की जरूरत : सीपी सिंह

रांची : पर्यावरण मेले के तीसरे दिन कचरा प्रबंधन, समस्या और समाधान विषय पर बोलते हुए नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि गंदगी फैलाना एक प्रवृत्ति है। इस प्रवृत्ति को बदलने की जरूरत है। कचरा निष्पादन का मतलब एक जगह से कचरा उठाकर दूसरी जगह डंप करना नहीं है। कचरा निस्तारण की मुकम्मल व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने अपने अधिकारियों को कहा है कि लोग तो गंदा करेंगे लेकिन साफ आपको ही करना है, इस बात को ध्यान में रखकर काम करें।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 10:52 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 10:52 PM (IST)
गंदगी फैलाने वाली प्रवृति को बदलने की जरूरत : सीपी सिंह
गंदगी फैलाने वाली प्रवृति को बदलने की जरूरत : सीपी सिंह

रांची : पर्यावरण मेले के तीसरे दिन कचरा प्रबंधन, समस्या और समाधान विषय पर बोलते हुए नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि गंदगी फैलाना एक प्रवृत्ति है। इस प्रवृत्ति को बदलने की जरूरत है। कचरा निष्पादन का मतलब एक जगह से कचरा उठाकर दूसरी जगह डंप करना नहीं है। कचरा निस्तारण की मुकम्मल व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने अपने अधिकारियों को कहा है कि लोग तो गंदा करेंगे लेकिन साफ आपको ही करना है, इस बात को ध्यान में रखकर काम करें। लोगों को भी यह ध्यान में रखना होगा कि सफाई सिर्फ सरकार का दायित्व नहीं है। यह हर व्यक्ति की आदत में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध काफी नहीं है। प्लास्टिक की अन्य चीजों पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए। पर्यावरण मेला लोगों की सोच को जागृत करने का माध्यम बनेगा।

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खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने कहा कि यह मेला पर्यावरण के प्रति लोगों में जागृति लाने का एक छोटा सा प्रयास है। सभी अपना काम समझकर पर्यावरण की रक्षा करें। आने वाली पीढ़ी के संस्कार में पर्यावरण के प्रति संवेदना आएगी तो माहौल अपने आप बदल जाएगा।

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कचरा से बिजली बनाने की योजना : अरुण सिंह

नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि कचरा के निष्पादन के लिए योजना बनाए जाने की जरूरत है क्योंकि कचरे की प्रवृत्ति अलग-अलग होती है। उन्होंने इंदौर शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहा सब्जी के कचरे से गैस बनाकर उससे सिटी बस चलाने और बाकी बचे कचरे से खाद बनाने की योजना पर काम चल रहा है। वहा मलबे से ईंट और बिजली भी बनाई जा रही है। दक्षिण कोरिया के दौरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहा एक टन कचरे को निष्पादित कर एक किलो में तब्दील कर दिया जाता है और उससे बिजली बनाई जाती है। झारखंड सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है। 3 साल में 650 करोड रुपये खर्च किए गए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में झारखंड सबसे ऊपर रहा है। 500 सामुदायिक और पब्लिक शौचालय बनाए गए हैं। वार्ड स्वच्छता समितियों का भी गठन होगा। राज्य के 932 वाडरें में से 817 में डोर टू डोर कचरा उठाने का काम हो रहा है। सिंह ने बताया सरकार ऐसा उपकरण लगाने जा रही है कि कचरा उठाते हैं डोर कलेक्टर के उपकरण में सूचना दर्ज हो जाएगी। इसके साथ ही रात में सफाई और प्लास्टिक उन्मूलन पर काम हो रहा है।

कार्यक्रम में नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, प्रोग्रेसिव आर्ट गैलरी निदेशक आरएन सिंह तथा सिद्धो कान्हू विवि दुमका के कुलपति डा. एमपी सिन्हा, महापौर आशा लकड़ा एवं उप महापौर संजीव विजयवर्गीय तथा जुस्को के महाप्रबंधक कैप्टन धनंजय मिश्रा उपस्थित थे।

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दामोदर का उद्गम खोजने वाले सम्मानित :

पर्यावरण मेले में वर्ष 2004 में दामोदर नदी के उद्गम स्थान चूल्हा पानी की खोज करने वाले अभियान दल के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। जिसमें गणेश रेड्डी, मनोज सिंह, राकेश भास्कर, कमलेश ओझा, प्रभाकर मिश्रा, एडवर्ड सोरेन शामिल थे। वर्ष 2004 में चूल्हा पानी की खोज होने के पहले तक यह माना जाता था कि दामोदर नदी पलामू की पहाड़ियों से निकलती है। कई किलोमीटर पैदल चलकर और नक्सली खतरे की परवाह न करते हुए अभियान दल के सदस्यों ने दामोदर के उद्गम स्थल चूल्हा पानी की खोज की थी।

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