बैंककर्मी की हड़ताल से 15 सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित
झारखंड के 25 हजार बैंक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से राज्य भर में बैंकिंग कार्य ठप रहा।
जागरण संवाददाता, रांची। बैंक कर्मियों की हड़ताल का झारखंड में व्यापक असर दिखा। राज्य के 25 हजार बैंक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से राज्य भर में बैंकिंग कार्य ठप रहा। लगभग 35 सौ शाखाओं में ताले लटके रहे। अनुमान के आधार पर बताया जा रहा है कि राज्य में लगभग पंद्रह सौ करोड़ रुपये का कारोबार हड़ताल से प्रभावित हुआ।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) की ओर से राज्य सरकार, वित्त मंत्रालय व आईबीए से बैंक कर्मियों की वेतन बढ़ोत्तरी की मांग पर सकारात्मक पहल नहीं होने की वजह से देश भर के बैंककर्मी हड़ताल पर हैं। दो दिवसीय हड़ताल का समापन एक जून को सुबह छह बजे होगा। हड़ताल के पहले दिन सुबह से ही विभिन्न जिलों में बैंककर्मी मुख्यालय पर जुटे। आईबीए के खिलाफ प्रदर्शन किया व नारेबाजी की।
रांची में तीन सौ शाखाएं बंद रहीं
बैंक हड़ताल के पहले दिन बुधवार को राजधानी में लगभग विभिन्न बैंकों की तीन सौ शाखाएं बंद रहीं। सुबह छह बजे से ही बैंक कर्मचारी व अधिकारी शहर के एसबीआई मुख्य शाखा कचहरी चौक, इलाहाबाद बैंक लालपुर, बैंक ऑफ इंडिया के जोनल कार्यालय सुजाता ओवर ब्रिज, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बूटी मोड़, यूनाइटेड बैंक, यूनियन बैंक सैनिक मार्केट, कैनरा बैक डोरंडा, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के क्षेत्रीय और आंचलिक कार्यालय अरगोड़ा समेत विभिन्न बैंकों के मुख्य शाखा व कार्यालय के समक्ष बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन न नारेबाजी की। सुबह छह बजे से लेकर देर रात तक बैंक कर्मचारी डटे रहे। यूएफबीयू के संयुक्त सचिव एमएल सिंह ने कहा की आईबीए को बैंक कर्मचारियों की मांग को स्वीकार करना होगा। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
एटीएम रहे ड्राई
हड़ताल के कारण आमलोगों की परेशानी बढ़ी रही। इस दौरान बैंक में न कैश जमा हुआ और न निकासी हुई। शहर के अधिकतर एटीएम के शटर सुबह से गिरे रहे। कुछ एटीएम खुले थे लेकिन उनमें भी कैश की किल्लत के कारण लोग परेशान होते रहे। हड़ताल के कारण आज भी बैंक बंद रहेगा। एटीएम से भी कैश निकालना संभव नहीं होगा।
मुख्य मांगें
-वेतन में दो फीसद की जगह 25 फीसद बढ़ोतरी की जाए
-आईबीए द्वारा जल्द मांग पत्र को निपटाया जाए
-बैंककर्मियों के साथ हुए समझौते पर अमल हो
रांची के डोरंडा में स्टेट बैंक की शाखा के समक्ष प्रदर्शन करते कर्मचारी।
गोड्डा जिलेभर के बैंक अधिकारी व कर्मी तीन सूत्री मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। बुधवार को बैंक कर्मियों ने सरकार के खिलाफ रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। नेतृत्व कर रहे संजीव कुमार झा ने कहा कि बैंक अधिकारी व कर्मियों के साथ सरकार और आईबीए मनमाना रवैया अपना रही है जिससे बैंककर्मियों में रोष है। आज जिले भर के सभी बैंक शाखाओं में ताला लटका रहा। लगभग 500 कर्मी व अधिकारी हड़ताल रहे।
साहिबगंज जिले के विभिन्न बैंकों की 75 शाखाओं पर हड़ताल के कारण कारोबार ठप रहा। एसबीआई मुख्य ब्रांच के सामने विभिन्न बैंकों के कर्मियों ने एकत्र होकर मांगों के समर्थन में नारेबाजी की।
हड़ताल में आल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक एम्प्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) शामिल हैं। बैककर्मी वेतन में जल्द बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। वेतन में एक नवंबर, 2017 से वृद्धि नहीं हुई है। कर्मचारियों के पिछली वेतन समीक्षा में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। यह वेतन समीक्षा एक नवंबर 2012 से 31 अक्तूबर 2017 के लिए था।
हड़ताल के कारण गिरिडीह में बैंकों का कामकाज पूरी तरह से ठप है। बैंककर्मी धरना देते हुए।
यूएफबीयू के संयुक्त संयोजक एमएल सिंह ने कहा की आइबीए द्वारा मांग पत्र को निपटाने में देरी करने, सरकार द्वारा बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन समझौते पर टालमटोल का रवैया अपनाने, प्रमुख मांग वेतन वृद्धि को लेकर आइबीए द्वारा मात्र दो प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव दिए जाने, कुछ बैंकों द्वारा स्केल-3 तक के अधिकारियों तक ही वेतन समझौता की सहमति जताने के विरुद्ध हड़ताल की जा रही है।