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तालाबों को नदियों से जोड़ेगी सरकार

रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री रणधीर सिंह ने तालाबों को नदियों से जोड़ने की

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 01:07 AM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 01:07 AM (IST)
तालाबों को नदियों से जोड़ेगी सरकार
तालाबों को नदियों से जोड़ेगी सरकार

रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री रणधीर सिंह ने तालाबों को नदियों से जोड़ने की घोषणा की है। विभाग इस बाबत लिफ्ट इरिगेशन की नई परियोजनाओं पर तो काम करेगा ही, बंद परियोजनाओं का भी जीर्णोद्धार करेगा। मंत्री का दावा है कि झारखंड के 70 फीसद गांवों से होकर छोटी-बड़ी नदियां बहती है अथवा नहर, जलाशय एवं अन्य जल स्रोतों की उपलब्धता है। ऐसे में संबंधित जलस्रोतों को गांव के तालाबों तक पहुंचाकर बेहतरीन सिंचाई सुविधा बहाल की जा सकती है। इन प्रयासों से झारखंड में हरित क्रांति लाने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि यह सोच जल्द ही विभागीय कार्ययोजना का हिस्सा बनेगी। वे मंगलवार को डेयरी विकास के सभागार में खरीफ-2018 पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

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कृषि वैज्ञानिकों, कृषि पदाधिकारियों, सहकारिता विभाग के अफसरों आदि की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यशाला में मंत्री ने किसानों के बीच सही समय पर बीज तथा खाद की आपूर्ति सुनिश्चित कराने का टास्क अफसरों को सौंपा। उन्होंने कहा कि भूमि संरक्षण व मनरेगा के सौजन्य से राज्य में लगभग पौने पांच लाख डोभा का निर्माण हुआ है, जिनमें से 80 फीसद में पानी की उपलब्धता है। ऐसा पहली बार हुआ है जब सरकार निजी तालाबों का भी जीर्णोद्धार करा रही है। बीते तीन वर्षो में ऐसे छह हजार तालाबों को सूचीबद्ध किया गया है।

मंत्री ने कहा कि रैयतों की 70 फीसद भूमि बंजर है। ऐसे में संबंधित भूमि का उपयोग दलहन की खेती में किया जा सकता है। उन्होंने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किसानों को समेकित खेती (पशुपालन, मशरूम, फूल, वनौषधि की खेती) आदि से जोड़ने पर बल दिया। इस बीच उन्होंने किसानों को धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर ले जाने की बात कही। उन्होंने दावा कि झारखंड 2028 आर्गेनिक स्टेट के रूप में जाना जाएगा। निबंधक, सहयोग समितियां, कृषि निदेशक आदि ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।

एक साल में ऋण चुकाने वालों को एक फीसद ब्याज पर लोन

मंत्री ने किसानों को इस बात के लिए जागरूक करने का टास्क अफसरों को सौंपा कि अगर किसान एक साल के अंदर ऋण अदा कर देते हैं तो उन्हें सात की जगह एक फीसद ब्याज ही देना होगा। इस कड़ी में केंद्र एवं राज्य सरकार तीन-तीन फीसद ब्याज अपने हिस्से से वहन करेगी।

कार्यशाला की अन्य बातें

-20 से 29 जून तक पंचायत स्तर पर लगेगा किसान चौपाल। इससे जुड़ेंगे 10 लाख किसान। कृषि के अत्याधुनिक तरीकों, सरकार की वर्तमान योजनाओं आदि की मिलेगी जानकारी।

-बीज और खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदार होंगे ब्लैक लिस्टेड, दुकानें होंगी सील। ई-पॉस मशीन से ही खरीद-बिक्री की रहेगी बाध्यता।

-पावर टिलर नहीं लेने वाली महिलाओं को मिलेगी आटा चक्की, धान कुटाई मशीन और तेल पेराई मशीन।

-बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पी कौशल का दावा, सरकार बताए जरूरत, विश्वविद्यालय उपलब्ध कराएगा सर्टिफाइड बीज।

-महिला स्वयं सहायता समूहों को चार बकरी की जगह 12 बकरी देने पर होगा विचार। जेएसएलपीएस के बकरी वितरण कार्यक्रम की होगी सख्त मॉनीट¨रग।

-संताल परगना में समय से पहले मानसून की आमद और कटनी को केंद्र में रखकर खाद-बीज वितरण की बनेगी विशेष योजना।


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