झारखंड में बैन होगा जमायत उल मुजाहिदीन बांग्लादेश
झारखंड के जिलों में सक्रिय जमायत उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) को झारखंड में बैन करने की तैयारी है।
दिलीप कुमार, रांची। पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे झारखंड के जिलों में सक्रिय जमायत उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) को झारखंड में बैन करने की तैयारी है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, ताकि सरकार के सामने पूरे तथ्यों के साथ उक्त संगठन को प्रतिबंधित करने की कवायद की जा सके। इस पर आतंकी संगठनों की तर्ज पर काम करने, उनके साथ संलिप्त रहने का आरोप है। आतंक के नए मॉड्यूल के रूप में यह संगठन तेजी से उभर रहा है। वर्तमान में साहेबगंज व पाकुड़ में इस संगठन के सदस्य के तेजी से बढ़ने की सूचना है।
पिछले दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के डीजी योगेश चंद्र मोदी के साथ बैठक में झारखंड पुलिस ने जेएमबी की सक्रियता पर आपत्ति जताई थी। यह बात सामने आई थी कि बंगाल व असम में भी यह संगठन सक्रिय है, जहां कहीं न कहीं राजनीतिक संरक्षण के चलते इसे बैन करने की कवायद नहीं हो सकी है। जेएमबी को झारखंड में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) का सहयोग मिल रहा है। हालांकि, पीएफआइ यहां बैन है, लेकिन गुपचुप तरीके से यह संगठन बंगाल सीमा पर सक्रिय है। पुलिस मुख्यालय ने यह भी तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल में जेएमबी के खिलाफ जब छापेमारी हुई तो वहां से भारी मात्रा में पीएफआइ के पोस्टर भी मिले थे। यह संगठन वहां के युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण दे रहा है और देश के आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है।
झारखंड में जेएमबी के तीन सदस्य हो चुके हैं गिरफ्तार
पूर्व में अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त जेएमबी के तीन सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद का रहने वाला इब्राहिम वर्ष 2015 में पाकुड़ से पकड़ाया था। इसी तरह तरिकुल इस्लाम को एनआइए के सहयोग से एटीएस ने रामगढ़ से पकड़ा था। पश्चिम बंगाल का रहने वाला रिजाउल करीम साहेबगंज से पकड़ा जा चुका है।
300 जगहों पर धमाके कर चुका है जेएमबी
पुलिस मुख्यालय को जो सूचना मिली है, उसके अनुसार जेएमबी ने 2005 में बांग्लादेश व भारत में 300 जगहों पर एक साथ धमाके किया था। बाद में इसके नेता को फांसी हो गई थी। दो अक्टूबर 2014 को पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान में विस्फोट हुआ था, जिसमें जेएमबी के दस से अधिक सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें अनवर, युसूफ, जहीदुल इस्लाम आदि शामिल हैं।
अलकायदा का मिल रहा सहयोग, बोडो उग्रवादी कर रहे हैं मदद
जेएमबी को अलकायदा के आतंकियों का सहयोग मिल रहा है। वहीं, असम के बोडो उग्रवादी उन्हें सहयोग कर रहे हैं। एनआइए के सूत्र बताते हैं कि जेएमबी के आतंकी बंगाल, असम व झारखंड में तेजी से अपना जाल फैलाते जा रहे हैं। पुलिस मुख्यालय को सूचना है कि जेएमबी के सदस्य झारखंड में फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रहे हैं और फर्जी तरीके से यहां की नागरिकता भी ले रहे हैं।
बैन होने से यह होगा फायदा
पुलिस इस संगठन पर सीधे कार्रवाई कर सकेगी। इस संगठन पर अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) एक्ट के तहत सीधे कार्रवाई हो सकेगी। गंभीर धाराएं लगेंगी तो इस संगठन पर नकेल कसा जा सकेगा।