Lockdown Update: झारखंड के मनरेगा मजदूरों को बड़ी राहत, खाते में डाले गए 160 करोड़
Lockdown News Update. झारखंड के मनरेगा मजदूरों की मजदूरी मद में 160 करोड़ रुपया बकाया था। यह राशि अबतक केंद्र सरकार से झारखंड को नहीं मिली थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन में मनरेगा मजदूरों के लिए राहत की खबर है। राज्य सरकार ने लॉकडाउन में उनकी परेशानियों को देखते हुए उनके खाते में मजदूरी के रूप में बकाया राशि डाल दी है। कुल 160 करोड़ रुपये उनके खाते में डाले गए हैं। झारखंड के मनरेगा मजदूरों की मजदूरी मद में 160 करोड़ रुपया बकाया था। यह राशि अबतक केंद्र सरकार से झारखंड को नहीं मिली थी। अब केंद्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष की पहली किस्त के रूप में मजदूरी मद में 602 करोड़ रुपये झारखंड को दिए हैं। इसमें मजदूरी मद में पूर्व की बकाया राशि 160 करोड़ रुपये भी शामिल़ हैं।
171 रुपये से बढ़कर 194 रुपये हुई मजदूरी
केंद्र ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 171 रुपये से बढ़ाकर 194 रुपये कर दी है। वहीं, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश के आलोक में कतिपय शर्तों के अधीन मनरेगा कार्यों के संचालन हेतु निर्देश जिलों को दिए गए हैं।
ये हैं निर्देश
● वैसे मजदूर जिनके पास जॉबकार्ड नहीं है और मनरेगा योजना के तहत कार्य करने को इच्छुक हैं, उन्हें अविलंब जॉबकार्ड निर्गत किया जाए।
● सिर्फ व्यक्तिगत योजनाओं पर ही कार्य कराया जाय जहां एक साथ पांच से कम मजदूर ही कार्य कर सकें।
● सभी मजदूरों को एक-दूसरे से कम से कम दो मीटर की दूरी बनाकर कार्य करने हेतु निर्देशित किया जाएगा।
● मनरेगा दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्यस्थल पर ही कार्य स्थल की सुविधा उपलब्ध होना चाहिए। इसके साथ ही कार्यस्थल पर सैनिटाइजेशन हेतु साबुन/ हैंड वॉश एवं पर्याप्त पानी उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
● कार्यस्थल पर अनौपचारिक भीड़ नहीं होनी चाहिए ।
● बीमार व्यक्ति, 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को कार्य में नहीं लगाया जाए।
● वैसे व्यक्ति जो पिछले 15 दिनों में दूसरे राज्य/ जिला से वापस लौटे हैं उनके नाम से मास्टररोल का सृजन न किया जाए तथा उन्हें नजदीकी आइसोलेशन केंद्र में रखा जाए।
● व्यक्तिगत योजना में मुख्यत: प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) के तहत निर्माणाधीन आवास, पूर्व से चालू पशु-शेड की योजना, नाड़ेप कम्पोस्ट पिट्स, बागवानी से सबंधित कार्य (व्यक्तिगत योजना), जल संरक्षण की योजना आदि पर कार्य कराया जा सकता है।