बिजली दर बढ़ी तो 100 स्टील कंपनियां हो जाएंगी बंद, हजारों लोग होंगे बेरोजगार
व्यावसायियों के मुताबिक, नियामक आयोग टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाएगा तो स्टील की करीब 100 कंपनियों पर ताला लग जाएगा।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में बिजली की दरें बढ़ाने का पुरजोर विरोध हो रहा है। बुधवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में भी भारी विरोध देखने को मिला। बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की ओर से टैरिफ बढ़ाए जाने का भारी विरोध किया गया। आम उपभोक्ताओं से लेकर व्यावसायियों ने इसका पुरजोर विरोध किया। व्यावसायियों का कहना था कि अगर नियामक आयोग टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाता है तो उसके अगले ही दिन स्टील क्षेत्र की करीब 100 कंपनियों पर ताला लग जाएगा।
इससे जेबीवीएनएल को हर माह 70 करोड़ रुपये के राजस्व का भी नुकसान होगा। कंपनी बंद होने से हजारों लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे। जनसुनवाई के दौरान कुछ लोगों ने जेबीवीएनएल का प्रस्ताव पूरी तरह से खारिज करने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि जेबीवीएनएल ने पिछले साल की ऑडिट रिपोर्ट ही पब्लिक डोमेन में नहीं रखा है इसलिए नियमानुसार बिना इस प्रक्रिया का पालन किए बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं दिया जा सकता है।
ज्यादा दिनों तक नहीं टाल सकते प्रस्ताव: आयोग
बिजली के उपभोक्ताओं को बढ़ी टैरिफ दर का झटका लगना तय है। लेकिन इस पर मरहम लगाने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी देने का प्रावधान किया जा रहा है। राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद ने कहा कि आम उपभोक्ताओं की सारी शिकायतों की आयोग गंभीरता से समीक्षा करेगा। लेकिन इसके साथ बिजली की गुणवत्ता व सेवा को भी ध्यान में रखा जाएगा। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अप्रैल माह में ही टैरिफ में बढोतरी हो सकती है। सरकार ने आम लोगों पर ज्यादा बोझ न पड़े, इसके लिए दो हजार करोड़ रुपये के सब्सिडी का प्रावधान किया है।
यह राशि न तो जेबीवीएनएल को मिलेगी और न ही उपभोक्ताओं को खाते में भेजा जाएगा। इसको बिल में ही समाहित कर दिया जाएगा। नियामक आयोग के अध्यक्ष ने व्यवसायियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव को कुछ समय के लिए रोका जा सकता है, लेकिन आने वाले दिनों में टैरिफ में बढोतरी के लिए उनको तैयार रहना होगा। इससे निपटने के लिए उनको दूसरे स्रोत से बिजली लेने की ओर रुख करना चाहिए। जिससे जेबीवीएनएल भी अपना टैरिफ कम करने पर विचार करे।