Move to Jagran APP

11 साल बाद भी फरार है 10 करोड़ की मनी लाौंड्रिंग का मास्टरमाइंड गोरखनाथ, जानें पूरा मामला

Money Laundering Jharkhand Ranchi Crime News रांची के अरगोड़ा में एमएसएस आयुर्वेदिक हेल्थ केयर एंड ट्रस्ट के नाम से 2007 में धंधा शुरू किया था। वर्ष 2010 में जालसाजी का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज हुई थी। मामले में अब तक तीन सहयोगी गिरफ्तार हो चुके हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 08:01 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 08:05 PM (IST)
11 साल बाद भी फरार है 10 करोड़ की मनी लाौंड्रिंग का मास्टरमाइंड गोरखनाथ, जानें पूरा मामला
Money Laundering, Jharkhand Ranchi Crime News मामले में अब तक तीन सहयोगी गिरफ्तार हो चुके हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के बहुचर्चित मेसर्स एमएसएस हेल्थकेयर आयुर्वेदिक ट्रस्ट के खिलाफ जालसाजी में दर्ज प्राथमिकी के 11 साल बाद भी इस ट्रस्ट का चेयरमैन मास्टरमाइंड गोरखनाथ भगत नहीं पकड़ा जा सका है। गत वर्ष ही अप्रैल महीने में पोंजी स्कीम के इस घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमएसएस हेल्थकेयर आयुर्वेदिक ट्रस्ट के छह पदाधिकारियों के खिलाफ मनी लौंड्रिंग एक्ट में केस दर्ज किया था। ईडी के अनुसंधान में इस ट्रस्ट पर 10 करोड़ रुपये के मनी लौंड्रिंग का खुलासा हुआ है।

loksabha election banner

ईडी ने इस केस में गत वर्ष ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राकेश पोद्दार, कोषाध्यक्ष सह संयुक्त सचिव मुकेश पोद्दार बनारस व मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किए गए थे। अभी दो दिन पहले ही ईडी ने ट्रस्ट के मुख्य सचिव हेमंत कुमार सिन्हा को बंगाल के हावड़ा स्थित आवास से गिरफ्तार किया है। इस केस में अब तक 2.28 करोड़ रुपया जब्त भी किया जा चुका है। इनमें ईडी की टीम ने ट्रस्ट के नाम पर एसबीआइ की विभिन्न शाखाओं में जमा दो करोड़ 14 लाख 69 हजार 645 रुपये को जब्त किया था।

वहीं, रांची की अरगोड़ा थाने की पुलिस ने वर्ष 2010 में प्राथमिकी के वक्त 13.35 लाख रुपये बरामद किया था। मुख्य आरोपित गोरखनाथ भगत अब भी पुलिस व ईडी की गिरफ्त से बाहर है। ईडी ने मनी लौंड्रिंग एक्ट में जिनपर केस दर्ज किया था, उनमें ट्रस्ट के चेयरमैन गोरखनाथ भगत के अलावा ट्रस्ट के मुख्य सचिव हेमंत सिन्हा, सचिव संजय कुमार, उपाध्यक्ष राकेश पोद्दार, कोषाध्यक्ष सह संयुक्त सचिव मुकेश पोद्दार शामिल हैं। मेसर्स एमएसएस एंड हेल्थकेयर आयुर्वेदिक ट्रस्ट पर आरोप है कि उसने निवेशकों को 16 महीने के भीतर जमा राशि चौगुना करने का लालच दिया था।

क्या है मामला

ईडी के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि आरोपितों ने वर्ष 2007 में हरमू हाउसिंग कॉलोनी के एमआइजी, एम-5 में मेसर्स एमएसएस एंड हेल्थ केयर आयुर्वेदिक ट्रस्ट नामक संस्था बनाया था। यह ट्रस्ट निवेशकों से 3000 रुपये लेकर सदस्य बनाता था और 2300 रुपये के चार पोस्ट डेटेड चेक देता था। इतना ही नहीं, 700 रुपये की आयुर्वेदिक दवा का कूपन भी देता था। निवेशकों को ठगने के लिए 16 महीने में जमा धन चौगुना करने का लालच देता था। 16 महीने के बाद कुछ निवेशकों के पैसे चार गुना हुए भी। इसके बाद अन्य निवेशकों में कंपनी ने अपना विश्वास जमा लिया।

सदस्य बननेवालों की संख्या बढ़ गई। इस ट्रस्ट ने करीब तीन करोड़ रुपये से अधिक का निवेश भी करवा लिया और एकाएक कार्यालय बंद कर दिया। कंपनी के सभी सदस्य अगस्त 2010 में फरार हो गए। इसके बाद निवेशकों ने अरगोड़ा थाना में 13 अगस्त 2010 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अरगोड़ा थाने की पुलिस किसी भी आरोपित को नहीं पकड़ सकी थी। सभी आरोपितों को भगोड़ा घोषित कर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दिया था। दर्ज प्राथमिकी में सभी आरोपितों का पता रांची में ही बताया गया है। बाद में अप्रैल 2020 में ईडी ने जब केस को टेकओवर किया तो एक-एक कर अब तक तीन आरोपित पकड़े जा चुके हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.