आइए, जो बिछड़ गए, उन्हें याद करें
संवाद सहयोगी रामगढ़ कोविड-19 का दूसरी लहर ने कई घरों को उजाड़ा तो कई के आंगन
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : कोविड-19 का दूसरी लहर ने कई घरों को उजाड़ा तो कई के आंगन सूना कर दिया। कई के माता-पिता, भाई-बहन तक को छिन लिया। विडंबना यह रही की वे अपनों को ना तो देख पाए ना ही मिल पाए। यहां तक की लोग जान बचाने को इधर-उधर भाग रहे थे। वैसे ही कोरोना संक्रमण से मरने वालों के लिए दैनिक जागरण ने सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया है। ताकि दिवंगत आत्माओं को दो मिनट का मौन रखकर शांति प्रदान कराई जाए। जागरण के अभियान को शहर के लोगों ने सराहते हुए लोगों से अपील की है।
-------
फोटो : 15
कोरोना संक्रमण का दूसरा दौर बहुत कुछ सीखा गया है। दैनिक जागरण की सोच बहुत ही सराहनीय है। वैसे लोग जो कोरोना संक्रमण से बेसमय चले गए है। उनके लिए 14 जून को सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। दो मिनट के लिए उस दिन हर लोग जहां भी हैं वहीं से दिवंगत आत्माओें के शांति के लिए श्रद्धांजलि दे।
-पूनम सिंह,
वीरांगना महिला महासभा की फाउंडर अध्यक्ष
-------
फोटो : 16
दैनिक जागरण हमेशा समाज के लिए बेहतर सोच लेकर आता है। समाज को बांधकर रखना और समाज को कुछ सिखाकर जाना मुख्य उद्देश्य है। तभी तो कोरोना से मरने वालों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन एक मिसाल है। हर इंसान को इंसानियत को जिदा रखते हुए 14 जून को दिन के 11 बजे जहां भी हैं वहीं से मृतकों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धासुमन भेंट करें।
-सुधीर कुमार मंगलेश, समाजसेवी, दुलमी --------
फोटो : 17
कोरोना वायरस के संक्रमण का दूसरा दौर काफी भयावह रहा है। सोच कर भी दिल बैठ जाता है। दैनिक जागरण ने एक बेहतर सोच के साथ कदम उठाया है की दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा जाए। लोगों से यह अपील है कि 14 जून को यह मैसेज पूरे देश में जाए कि भारत एक है। इसलिए हर कोई श्रद्धांजलि जरूर दें।
-देबजानी मुखर्जी राणा।
शिक्षिका, सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल, रामगढ़।
---------
फोटो : 31
इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। हमेशा नेक इरादों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। दैनिक जागरण ने भी नेक इरादा रखकर पहल किया है। यह बहुत ही सराहनीय कदम है। हर किसी को कोरोना से मृत लोगों के लिए मानवता को उपर रखकर 14 जून को अपने स्थान पर से ही दो मिनट को मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहिए।
-जाबिर हुसैन फारुखी।
इमाम, बरकाकाना जामा मस्जिद।