सुहागिनों ने किया सोलह श्रृंगार, की पति की दीर्घायु की कामना
संवाद सहयोगी रामगढ़ दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे कभी चांद कभी सूरज की तरह चमकता रहे.. हर जनम में मिले तेरा साथ यूं ही सातों जनम रहे हम साथ..आदि गीत के बोल के साथ जिलाभर में सुहागिनों व नवविवाहिताओं ने पूरे उत्साह के साथ वट सावित्री की पूजा की। पूजा को लेकर महिलाएं सिर से लेकर नख तक सोलह श्रृंगार कर अपने पति के दिर्घायु होने की कामना की। साथ ही हर मुसिबत में ढाल बनकर अपने पति के सामने खड़ा रहने का वरदान मांगा। वहीं वट वृक्ष के नीचे पंडित के द्वारा सावित्री व सत्यवान की कथा ध्यानपूर्वक सुनी। सुबह में सुहागिनों व नवविवाहितों ने स्नान का उपवास रखते हुए श्रृंगार कर प्रसाद लेकर वट वृक्ष के पास पहुंची। यहां पर पूरे नियमपूर्वक पूजा करते हुए वट वृक्ष से लिपट कर आशीर्वाद लिया। साथ ही रक्षा सूत्र से वट वृक्ष को बांधते हुए फेरे लगाए। उसके बाद बांस के पंखे से हवा देते रहे। बालों में वट वृक्ष का पत्ता लगाकर पूजन किया। पूजन के बाद बांस के पंखे पर प्रसाद रखकर काग के लिए हवा
रामगढ़ : दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, कभी चांद कभी सूरज की तरह चमकता रहे.., हर जनम में मिले तेरा साथ, यूं ही सातों जनम रहे हम साथ..आदि गीत के बोल के साथ जिलाभर में सुहागिनों व नवविवाहिताओं ने पूरे उत्साह के साथ वट सावित्री की पूजा की। पूजा को लेकर महिलाएं सिर से लेकर नख तक सोलह श्रृंगार कर अपने पति के दिर्घायु होने की कामना की। साथ ही हर मुसिबत में ढाल बनकर अपने पति के सामने खड़ा रहने का वरदान मांगा। वहीं वट वृक्ष के नीचे पंडित के द्वारा सावित्री व सत्यवान की कथा ध्यानपूर्वक सुनी। सुबह में सुहागिनों व नवविवाहितों ने स्नान का उपवास रखते हुए श्रृंगार कर प्रसाद लेकर वट वृक्ष के पास पहुंची। यहां पर पूरे नियमपूर्वक पूजा करते हुए वट वृक्ष से लिपट कर आशीर्वाद लिया। साथ ही रक्षा सूत्र से वट वृक्ष को बांधते हुए फेरे लगाए। उसके बाद बांस के पंखे से हवा देते रहे। बालों में वट वृक्ष का पत्ता लगाकर पूजन किया। पूजन के बाद बांस के पंखे पर प्रसाद रखकर काग के लिए हवा में उड़ाते हुए प्रणाम किया। साथ ही अपने समकक्ष और बुजूर्ग महिलाओं को सिदूर दान करते हुए आशीर्वाद लिया। बाद में सावित्री और सत्यवान की कथा सुनी। कथा पूर्ण होने के बाद पंडित को दान देकर आशीर्वाद लिया। सभी सुहागिन घरों में आकर अपने पति के पांव छूकर शीतल पेय जल से उपवास को तोड़ा। पूरे जिलाभर में वट सावित्री की पूजा पूरे उत्साह और पवित्रता के बीच मनाया गया।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप