डाकघर में 20 लाख का घोटाला, इस तरह हुआ खुलासा; तीन निलंबित
post office. झारखंड के रामगढ़ प्रधान डाकघर में डाक जीवन बीमा की प्रीमियम राशि में 20 लाख रुपये से अधिक का घोटाला करने का मामला प्रकाश में आया है।
रामगढ़, जागरण संवाददाता। प्रधान डाकघर में डाक जीवन बीमा (पीएलआइ) की प्रीमियम राशि में 20 लाख रुपये से अधिक का घोटाला करने का मामला प्रकाश में आया है। डाक विभाग दिल्ली की टीम ने पीएलआइ में ऑनलाइन जांच कर गड़बड़ी को उजागर किया है।
मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाकर हजारीबाग प्रमंडल के डाक अधीक्षक एसपी मंडल ने प्रधान डाकघर के डाकपाल संजय सिंह, सहायक डाकपाल सत्येंद्र प्रसाद तथा मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव जितेंद्र प्रसाद को निलंबित कर दिया है। तीनों पर विभागीय कार्रवाई करते हुए घोटाले की जांच शुरू की गई है। प्रधान डाकघर के पीएलआइ काउंटर में ग्राहकों से प्रीमियम राशि जमा लेने के बाद शाम को प्रीमियम रसीद को रद कर दिया जाता था। इसके बाद काउंटर में राशि को डाकघर के ट्रेजरी में जमा किया जाता था।
पीएलआइ प्रीमियम के रद किए गए जमा रसीद की राशि को सीधे अपने पास रख लिया जाता था। पीएलआइ काउंटर में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव जितेंद्र प्रसाद बैठते थे। डाक विभाग की दिल्ली की टीम ने ऑनलाइन में सैकड़ों ग्राहकों के पीएलआइ प्रीमियम रसीद को रद किए जाने की प्रक्रिया की जांच की तो पूरा मामला पकड़ा गया। जांच में पाया गया कि मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव जितेंद्र प्रसाद ने ही काउंटर में पीएलआइ प्रीमियम राशि जमा करने के दौरान चालाकी से गड़बड़ी की है।
जानकारी के अनुसार, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव जितेंद्र प्रसाद पहले भी रामगढ़ जिले के कई डाकघरों में भाई व पत्नी के नाम से लाखों का फर्जीवाड़ा कर चुका है। कुजू डाकघर में करीब 55 लाख रुपये का घोटाला पकड़े जाने के बाद उसे निलंबित कर झुमरीतिलैया में तबादला किया जा चुका है।
बाद में डाक अधीक्षक ने पुन: निलंबन वापस लेने के बाद उसे रामगढ़ प्रधान डाकघर में भेज दिया था। प्रधान डाकघर में उसे सिस्टम एडमिन बनाने के साथ-साथ वित्तीय कार्यों में शामिल कर लिया गया था। हालांकि घोटाले के मामले में अभी तक थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।