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मुठभेड़ में पीएलएफआइ का रीजनल कमांडर बाजीराम महतो ढेर

रामगढ़ जासं उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के रीजनल कमाडर बाजीराम महतो उर्फ बाजीराव सिंघम गुरु को पुलिस ने ढेर कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 06:22 AM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 06:22 AM (IST)
मुठभेड़ में पीएलएफआइ का रीजनल कमांडर बाजीराम महतो ढेर
मुठभेड़ में पीएलएफआइ का रीजनल कमांडर बाजीराम महतो ढेर

रामगढ़, जासं : उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के रीजनल कमाडर बाजीराम महतो उर्फ बाजीराव सिंघम गुरुवार की रात रामगढ़ पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। रामगढ़-बोकारो जिला सीमा क्षेत्र स्थित कुजू ओपी के उग्रवाद प्रभावित बड़कीटुंडी के घने जंगल में सर्च अभियान के दौरान बाजीराम मारा गया।

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सर्च अभियान के दौरान पुलिस को सूचना मिली की लंबे समय से फरार चल रहा बाजीराव इसी जंगल में छुपा हुआ है। इसके बाद पुलिस ने चारों तरफ से घेराबंदी करते हुए कार्रवाई शुरू की।

बाजीराव रामगढ़ और बोकारो के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ा रहा था। हाल के दिनों में उसने कई उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दिया था। चार महीने पहले 18 अक्टूबर को सीसीएल घाटो क्षेत्र के सीपीआइ नेता बालेश्वर महतो की लइयो में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके 2 महीने बाद बाजीराव ने गोला प्रखंड प्रमुख जलेश्वर महतो को उसके घर से अगवा कर 20 लाख रुपये की लेवी मागी थी। इसके अलावा हाल में ही रजरप्पा थाना क्षेत्र के दुलमी में बाजीराव के दस्ते ने सड़क निर्माण कार्यस्थल पर हमला कर 9 वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने बाजीराव को गिरफ्तार करने के लिए तलाश तेज कर दी थी। मुठभेड़ के बाद बुधवार देर रात तक पुलिस का बड़कीडुंडी जंगल में सर्च अभियान जारी था। पुलिस बाजीराम के अन्य साथियों की तलाश कर रही है।

दिन में पुलिस ने की थी घर की कुर्की, रात में हो गया एनकाउंटर

रामगढ़। हत्या, अपहरण व लेवी मागने के आरोपित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के रीजनल कमांडर बाजीराम महतो के लइयो स्थित घर पर बुधवार को ही दिन में पुलिस ने कुर्की-जब्ती की थी। इस कार्रवाई के कुछ ही घंटे बाद रात में वह मुठभेड़ में मारा गया।

बाजीराम के घर की कुर्की के बाद पुलिस ने पुख्ता जानकारी पाकर योजनाबद्ध तरीके से बड़कीडुंडी जंगल में सर्च अभियान शुरू किया। एसपी निधि द्विवेदी के दिशा निर्देश पर रामगढ़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर लीलेश्वर महतो, रजरप्पा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कमलेश पासवान, सब-इंस्पेक्टर रामेश्वर भगत सहित जिले के कई थाना व ओपी पुलिस के कई जवान इस अभियान में शामिल थे।

छठी कक्षा तक पढ़ने के बाद ही बन गया था अपराधी

मुठभेड़ में मारा गया पीएलएफआइ उग्रवादी बाजीराम महतो छठी कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही अपराध और उग्रवाद की दुनिया में चला गया था। बाद में वह भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हो गया था। चार साल के बाद वह भाकपा माओवादी से अलग हो गया और एक अलग उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप बना लिया।

अपने ही रिश्ते के मामा सीपीआइ नेता को अगवा कर की थी हत्या

बाजीराम महतो वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र के लइयो ठोथाटाड़ का रहने वाला था। उसके पिता का नाम स्व. चालो महतो है। अपराधी संगठन टाइगर ग्रुप का संचालन करते हुए उसने अपने रिश्ते के मामा व सीपीआइ नेता बालेश्वर महतो का वर्ष 2009 में लइयो से अपहरण कर लिया था। इसमें उसने लेवी लेकर बालेश्वर महतो को रिहा कर दिया था। हालांकि बाद में अक्टूबर 2018 में उसने बालेश्वर महतो की हत्या कर दी। दो साल पहले ही बाजीराम पीएलएफआइ से जुड़ा था।

पीएलएफआइ में आने के बाद उसने माओवादियों की इस इलाके में कमर तोड़ दी थी। बालेश्वर महतो की हत्या के बाद उसने माओवादियों के 70 सदस्यों को अपने साथ मिला लिया था।

झारखंड परियोजना में फैलाता था दहशत, लोगों ने ली राहत की सांस

अक्टूबर में सीपीआइ नेता बालेश्वर महतो की गोली मारकर हत्या करने के बाद वह सीसीएल के झारखंड परियोजना में हावी हो गया था। उसके सहयोगी परियोजना के कोल डंप से प्रति माह लेवी के रूप में मोटी रकम वसूलते थे। मुठभेड़ में उसके मारे जाने के बाद इलाके के लोगों ने राहत की सास ली है।


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