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क्वार्टर खाली करने को कहा तो झूठे केस में फंसाने का आरोप

रामगढ़ यूनियन लीडर को क्वार्टर खाली करने को कहना माइंस रेस्क्यू के डिप्टी मैनेजर पर्सनल को भारी पड़ गया। उन्हें झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया। जमानत पर छूटकर वापस आए माइंस रेस्क्यू के डिप्टी मैनेजर पर्सनल निखिल श्रीवास्तव ने गुरुवार को डीसी व एसपी से इस आशय की शिकायत की और उपने व अपने परिवार के जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। डीसी एसपी को दिए पत्र में मूलत लखनऊ के रहने वाले डिप्टी मैनेजर निखिल ने कहा कि यूनियन लीडर राजकुमार ठाकुर अपने तबादले के चार वर्ष बाद भी माइंस रेस्क्यू के क्वार्टर में अवैध रूप से रह रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 10:01 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 10:01 PM (IST)
क्वार्टर खाली करने को कहा तो झूठे केस में फंसाने का आरोप
क्वार्टर खाली करने को कहा तो झूठे केस में फंसाने का आरोप

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : यूनियन लीडर को क्वार्टर खाली करने को कहना माइंस रेस्क्यू के डिप्टी मैनेजर पर्सनल को भारी पड़ गया। उन्हें झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया। जमानत पर छूटकर वापस आए माइंस रेस्क्यू के डिप्टी मैनेजर पर्सनल निखिल श्रीवास्तव ने गुरुवार को डीसी व एसपी से इस आशय की शिकायत की और उपने व अपने परिवार के जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। डीसी एसपी को दिए पत्र में मूलत: लखनऊ के रहने वाले डिप्टी मैनेजर निखिल ने कहा कि यूनियन लीडर राजकुमार ठाकुर अपने तबादले के चार वर्ष बाद भी माइंस रेस्क्यू के क्वार्टर में अवैध रूप से रह रहे थे। जबकि नियम के अनुसार तबादले के छह माह के अंदर उन्हें अपना क्वार्टर खाली कर देना है। राजकुमार ठाकुर को महाप्रबंधक की ओर से गत 10 नवंबर 2017 को क्वार्टर खाली करने का नोटिस दिया गया था। लेकिन आज तक उन्होंने क्वार्टर खाली नहीं किया। इसी बीच वे सीधे मुझे टारगेट करने लगे और जान से मारने की कई तरह की धमकियां देने लगे। कई बार गाली ग्लौज भी किया गया। कई बार झूठे षडयंत्र का शिकार भी बनाया गया। अब तक उन्होंने राजकुमार ठाकुर के खिलाफ कुल पांच आन लाइन एफआईआर किया है। उन्होंने पिछले एक अक्टूबर की घटना की चर्चा करते हुए बताया कि शाम करीब छह बजे राज कुमार ठाकुर व उनके कुछ सहयोगी उनके आवास पहुंचे और कई तरह की धमकियां देते हुए गाली ग्लौज करने लगे। इसके बाद मैंने तत्काल इस मामले में एफआईआर दर्ज कराया। इसके बाद दूसरे ही दिन अपने परिवार के साथ लखनऊ चला गया। परिवार को लखनऊ में छोड़कर वापस दस अक्टूबर को अपने कार्य पर लौट आया। गत 12 अक्टूबर को अपने घर में दीपावली को लेकर अपने आवास में पेंट आदि करवा रहा था। लेकिन इसी बीच अपने सहयोगियों के साथ पहुंचे राजकुमार ठाकुर ने गाली ग्लौज करते हुए रामगढ़ थाने में बदले की भावना से झूठी प्राथमिकी दर्ज करा दी।

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