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मांस तस्कर की हत्या में भाजपा नेता नित्यानंद महतो व गोरक्षक सहित 11 को उम्रकैद

मारुति वैन में प्रतिबंधित मांस ले जा रहे मनुवा गांव निवासी अलीमुद्दीन की भीड़ ने पिटाई कर दी थी, इलाज के लिए रांची ले जाते समय रास्ते में उसने दम तोड़ दिया था।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 03:24 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 11:42 AM (IST)
मांस तस्कर की हत्या में भाजपा नेता नित्यानंद महतो व गोरक्षक सहित 11 को उम्रकैद
मांस तस्कर की हत्या में भाजपा नेता नित्यानंद महतो व गोरक्षक सहित 11 को उम्रकैद

देवांशु शेखर मिश्र, रामगढ़ (झारखंड)। प्रतिबंधित मांस तस्करी के आरोपित अलीमुद्दीन अंसारी की भीड़ द्वारा हत्या किए जाने के मामले में सभी 11 अभियुक्तों को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें तीन अभियुक्तों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा दी गई है। प्रतिबंधित मांस तस्करी के आरोप में मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) के किसी केस में गोरक्षक के खिलाफ फैसला सुनाने का देश में यह पहला मामला है। झारखंड में रामगढ़ के फास्ट ट्रैक कोर्ट के एडीजे (द्वितीय) ओम प्रकाश ने केवल पांच महीने 29 दिनों में इस मामले में सजा सुनाई। न्यायालय ने 16 मार्च को सभी आरोपितों को दोषी करार दिया था।

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जानें, क्या है मामला

29 जून, 2017 को रामगढ़ थाना क्षेत्र के बाजारटांड़ के समीप मारुति वैन में प्रतिबंधित मांस ले जा रहे मनुवा गांव निवासी अलीमुद्दीन की भीड़ ने बुरी तरह पिटाई कर दी थी और इलाज के लिए रांची ले जाते समय रास्ते में उसने दम तोड़ दिया था। बुधवार को न्यायालय ने आरोपित दीपक मिश्रा, छोटू वर्मा, संतोष सिंह, भाजपा नेता नित्यानंद महतो, विक्की साव, सिकंदर राम, विक्रम प्रसाद, राजू कुमार, रोहित ठाकुर, कपिल ठाकुर व उत्तम राम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा आठ दोषियों पर तीन-तीन हजार व तीन पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में तीन महीने की साधारण कारावास की सजा दी गई है। न्यायालय ने आरोपी छोटू वर्मा, दीपक मिश्रा, संतोष सिंह को मॉब लिंचिंग का साजिशकर्ता भी माना। इसके तहत उन्हें धारा 120 (बी) के तहत भी अलग से आजीवन कारावास व दो हजार का जुर्माना लगाया।

मतलब, इन तीनों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मुआवजा पीड़ित परिवार को दिया जाएगा। सजा पाए 11 लोगों के अलावा एक नाबालिग अभियुक्त को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड भेजा गया है। इस केस की एफआइआर स्व. अलीमुद्दीन की पत्नी मरीयम खातून ने दर्ज करवाई थी। अभियोजन द्वारा 59 दस्तावेजों को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया गया वहीं 20 वस्त्र भी न्यायालय में पेश किए गए। सीओ रामगढ़ अमृता कुमारी ने हत्या के वक्त वहां मौजूद लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो व अन्य साक्ष्यों की सीडी व पेन ड्राइव तैयार किए थे जो जांच के लिए केंद्रीय फॉरेंसिक प्रयोगशाला, चंडीगढ़ भेजे गए थे। वहां से मिली रिपोर्ट में सीडी व पेनड्राइव में कोई छेड़छाड़ नहीं पाई गई। अभियोजन ने अपने केस के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए छह जजमेंट भी न्यायालय में प्रस्तुत किए।

अलीमुद्दीन हत्याकांड के दोषी।

न्यायालय पर है पूरी आस्था : नित्यानंद

आजीवन कारावास की सजा पाए भाजपा जिला मीडिया प्रभारी नित्यानंद महतो ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरी आस्था है। उम्मीद है कि उन्हें उच्च न्यायालय से न्याय मिलेगा। उन्होंने अलीमुद्दीन को नहीं मारा है। इसी तरह जिला गोरक्षा प्रमुख छोटू वर्मा ने कहा कि हम लोगों ने जिला पुलिस को फोन कर घटनास्थल पर बुलाया था। वे लोग उच्च न्यायालय में न्याय के लिए अपील करेंगे।

उम्मीद थी कोर्ट से न्याय मिलेगा : मरियम

अलीमुद्दीन अंसारी की पत्नी मरियम खातून ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि न्यायालय से न्याय मिलेगा। यह मेरे और मेरे परिवार के साथ-साथ भारतीय कानून की भी जीत है। यह सभी हिंदू व मुस्लिम भाइयों की जीत है।


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