जामा मस्जिद मामले में इमाम के पक्ष में सामने आए समुदाय के लोग
वेस्ट बोकारो के जामा मस्जिद के संचालन कमेटी का मामला थम।
संवाद सूत्र, वेस्ट बोकारो (रामगढ़): वेस्ट बोकारो के जामा मस्जिद के संचालन कमेटी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। एक तरफ वर्तमान संचालन कमेटी का कार्यकाल खत्म हो चुका है, जबकि इसे बर्खास्त कर नई कमेटी के गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही। लॉकडाउन की अवधि व रम•ान के पाक माह में इमाम व मौलाना के मस्जिद से बाहर का रास्ता दिखाए जाने से भी लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है। रविवार को जामा मस्जिद के सचिव के कहने पर इमाम को बाहर करने पहुंची। पुलिस की सूचना मिलने पर समुदाय के लोग जामा मस्जिद के गेट पर पहुंच कर इमाम का हौसला बढ़ाया। लोगों ने कहा कि इमाम को तनख्वाह देने के लिए अगर कमेटी के पास पैसा नहीं है तो हम आपस में सहयोग के उनको तनख्वाह देंगे लेकिन इतने काबिल इमाम को जाने नहीं देंगे। मामले में यहां समुदाय के लोगों में एक तरफ आक्रोश है, तो दूसरी तरफ एक पक्ष अधिकारियों को आवेदन पर आवेदन देकर मामले को सलटाने व पारदर्शी प्रणाली से पुर्नगठन को लेकर अधिकारियों से चुनाव कराने की मांग कर रहे। दूसरे पक्ष के लोगों में •ामा मस्•ादि के चेयरमैन शबीर हुसैन, अहमद हुसैन उर्फ बल्लू, गुलामपीर हक़, मो. तुफैल, डॉ एके मल्लिक, शहजाद अहमद, यासिम अंसारी, समीउल हक़ खान व ख्वाजा हुसैन आदि ने आरोप लगाते हुए कहा है कि वेस्ट बोकारो घाटो जामा मस्जिद के सदर और सचिव का दबंगई इतना बढ़ गया है। प्रेस रिलीज में आशंका जताई गई है कि कभी भी कोई अप्रिय घटना ना हो जाए।
ज्ञात हो कि विगत वर्ष 04 सितंबर को ही जामा मस्जिद कमेटी भंग हो चुका है। वेस्ट बोकारो के टाटा प्रबंधक को आवाम की तरफ से लिखित रूप से सूचना दी गई है कि वेस्ट बोकारो जामा मस्जिद के बरखास्त कमेटी के सदर और सचिव से मस्जिद के विषय पर कोई वार्ता ना किया जाये, जब तक कमेटी का पुनर्गठन ना हो जाए।