वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को ले पठन-पाठन किया बाधित
गिद्दी (रामगढ़) : झारखंड इंटर कॉलेज होसिर के व्याख्याताओं ने वेतन विसंगति को दूर करने
गिद्दी (रामगढ़) : झारखंड इंटर कॉलेज होसिर के व्याख्याताओं ने वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर शनिवार को पठन-पाठन सांकेतिक रूप से बाधित कर दिया। इस दौरान व्याख्याताओं ने हाजरी बनाकर अपनी-अपनी कक्षाएं नहीं ली। व्यख्याताओं के सांकेतिक रूप से पठन-पाठन बाधित करने पर केवल कॉलेज के प्राचार्य खेमनाथ महतो ने छात्रों की कक्षाएं ली। व्याख्याताओं ने बताया कि सचिव व प्राचार्य के द्धारा मनमाने ढंग से व्याख्याताओं व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन निर्धारण करने का आरोप लगाया है। इसमें व्यख्याताओं के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। यहां तक की व्याख्याता व कर्मिचारियों का पीएफ भी एक समान कटता है। व्याख्याता वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर वर्षों से अपनी आवाज उठाते चले आ रहे हैं। सर्वप्रथम 22 मई 2015 को कॉलेज के अध्यक्ष सह मांडू विधायक को पत्र देकर वेतन विसंगति दूर करने की मांग की गई थी। इसके बाद लगातार मौखिक के अलावे लिखित रूप से प्राचार्य व सचिव से 18 फरवरी 2017, 26 मार्च 2018, 27 अप्रैल 2018 को वेतन विसंगति दूर करते हुए वेतन भुगतान करने की मां की गई है। अपने मांग से कनकी पंचायत के मुखिया को अवगत कराने के बाद बीते 23 अगस्त को डाड़ी भाग दो जिला परिषद सदस्य लखन लाल महतो व कनकी मुखिया प्रमोद कुमार महतो समेत अन्य बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में एक्सपर्ट बुलाकर कर वेतन विसंगति दूर कराने की निर्णय लिया गया था। इसमें प्राचार्य व सचिव भी उपस्थित थे। व्याख्याताओं ने सचिव व प्राचार्य पर एक्सपर्ट बुलाने के बजाय विधायक व मुखिया जब कुछ नहीं कर सकें, तो इनको जितना आंदोलन करना है वो करते रहने की बात कहने का आरोप लगाया है। व्याख्याताओं का कहना था कि विगत साढ़े 16 माह से व्याख्याताओं व कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है। छात्र हित को देखते हुए वे सभी लगातार छात्रों का पठन-पाठन करते आ रहे हैं। बीते एक सप्ताह पूर्व बार-बार आग्रह करने के बाद आधा माह का वेतन व्याख्याता व कर्मचारियों को मिला है। अभी भी करीब 16 माह का वेतन बकाया है। सचिव प्राचार्य के अड़ियल रवैया के कारण आज व्याख्याताओं ने सांकेतिक रूप से पठन-पाठन कार्य बाधित किया है। व्याख्याताओं ने कहा कि वेतन विसंगति को दूर करने को ले कोई साकारात्मक पहल मंगलवार तक नहीं होती है तो अपनी मांगों को लेकर सभी व्याख्याता अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे। वहीं शासी निकाय के सचिव युगलकिशोर महतो व प्राचार्य खेमनाथ महतो ने कहा बीना सूचना के पठन-पाठन बाधित करना असंवैधानिक है। व्याख्याताओं के इस कदम से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। व्याख्याताओं को हाल में ही वेतन दिया गया है। साथ ही व्याख्याताओं को 12 साल में एक इंक्रीमेट भी दिया गया है। साथ ही पीएफ का 1800 रूपया का भी भुगतान प्रबंधन द्वारा की जाती है। पठन-पाठन बाधित करने वालों में भुनेश्वर राम, मंसुर आलम, नरेश पाठक, अजय वर्मा, दीपचंद महतो, बासुदेव प्रसाद, महाबीर स्वांसी, दानो महतो, डा. जगतपाल टुंडवार, रोमा कुमारी, वरूण कुमार, देवेंद्र कुमार शामिल हैं।