पुत्री को जीवन दान दे चल बसीं मां
गोला (रामगढ़) : किसी ने सही कहा है कि बाल-बच्चों से बड़ा कोई सुख नहीं है। बच्चों क
गोला (रामगढ़) : किसी ने सही कहा है कि बाल-बच्चों से बड़ा कोई सुख नहीं है। बच्चों को चोट लगी है तो मां को दर्द होता है। मां अपनी संतान के लिए जीवन भी त्यागने में संकोच नहीं करती। मां की ममता का मिसाल दे गई चिंता देवी। थाना क्षेत्र के बंदा गांव में बुधवार को गड्ढे में डूबी पुत्री की जान बचाने में मां को जान गंवानी पड़ी। बच्ची जख्मी हो गईं। बच्ची खतरे से बाहर बताई गई है। जानकारी के अनुसार 25 वर्षीय ¨चता देवी पति र¨वद्र साव अपनी पांच वर्षीय बेटी प्रियांशु कुमारी को लेकर ईंट बनानेवाले गड्ढे में कपड़ा धोने व नहाने के लिए गई थी। मां कपड़ा धोने लगी व बच्ची नहाने के लिए गड्ढ़े में उतर गई। बच्ची गड्ढ़े के पानी में डूबने लगी। बच्ची को डूबते देखकर मां ने पानी में छलांग लगा दी। उसने बच्ची को पानी से बाहर फेंक दिया ओर वह पानी में डूब गई। जानकारी होने पर ग्रामीणों ने महिला को पानी से बेहोशी हालत में निकाला। आनन फानन में उसे अस्पताल लाया जा रहा था। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
सूचना पर पहुंचे प्रशिक्षु डीएसपी किशोर कुमार रजक व थाना प्रभारी अर्जुन कुमार मिश्रा ने परिजनों से पूछताछ कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल रामगढ़ भेज दिया। बताया गया कि मृतका मूलरूप से बड़कागांव के तलसवार गांव की रहने वाली है। उसका पति रविन्द्र साव वर्षों से रजरप्पा मंदिर क्षेत्र में फुल प्रसाद का दुकान चलाकर अपने व परिवार का भरण पोषण करता है। वर्तमान में बंदा गांव में मकान बनाकर रह रहा है।