मासस कई मांगों को ले 30 को कार्यालय व घरों में मनाएगा विरोध दिवस
मार्क्सवादी समन्वय समिति केंद्रीय कमेटी की रविवार को वीडियो ।
संवाद सूत्र, गिद्दी (रामगढ़) : मार्क्सवादी समन्वय समिति केंद्रीय कमेटी की रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से बैठक हुई। इसमें केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो जी ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पूरा देश परेष्ज्ञान है। इसमे जहाजों से आने वाले, पैदल चलने व मेहनतकस मजदूर संकट के दौर से गुजर रहे हैं। देश के राज्यों में विकास करने वाले मजदूर दिन-रात सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को विवश है और इनकी सुद लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे विकट समय में केंद्र सरकार मजदूरों के हक अधिकार को छिनने का प्रयास कर रही हैं। कॉर्पोरेट घरानों के इसारे पर कॉमर्शियल माइंनिग का फैसला, मजदूरों के काम अवधि 8 से 12 घंटे कर दिया गया है। मासस सरकार की मजदूर विरोधी नीति का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि रोजगार की गारंटी करने, श्रम नीति में संशोधन बंद करने, निशुल्क में ट्रेन का आवागमन शुरू करने, मजदूर को प्रवासी मजदूर बोलना बंद करने, गुजरात मॉडल असफल हुआ उसके बदले केरल मॉडल लागू करने, लॉकडाउन समाप्त कर शारीरिक दूरी का पालन करने, मास्क का उपयोग चालू रखने, सार्वजनिक उद्योग को निजीकरण करना बंद करने की मांगों के समर्थन में 30 मई को प्रखंड स्तर पर अपने-अपने कार्यालय और घरों में ग्यारह से साढ़े ग्यारह बजे तक विरोध दिवस मनाने को निर्णय लिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में मुख्य रूप से मासस महासचिव हलधर महतो पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, केंद्रीय सचिव मिथिलेश सिंह, हरिप्रसाद पप्पू, दिलीप तिवारी, दिल मोहम्मद, सुकेश मुखर्जी कार्तिक दत्ता, साधु चरण महतो, राजेंद्र गोप, देवचंद महतो, आरडी मांझी, बसंत कुमार, गणेश प्रसाद चैरसिया, गणेश महतो आदि उपस्थित थे।