ठनका से बचना है तो करे दामिनी एप का उपयोग
वज्रपात या ठनका झारखंड के पठारीय प्रदेश में एक प्राकृतिक आपदा है।
संवाद सूत्र, मांडू : वज्रपात या ठनका झारखंड के पठारीय प्रदेश में एक प्राकृतिक आपदा है। ठनका के कहर से बचने के लिए पृथ्वी विज्ञान विभाग, भारत सरकार की पहल पर दामिनी नाम का एक मोबाइल एप्लीकेशन उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान का भारतीय संस्थान ने विकसित किया है। इस मोबाइल एप द्वारा ठनका के पूर्वानुमान का पता चलता है। इसकी खासियत है कि 40 मिनट पहले यह बता देगा देगा कि ठनका कहां गिरने वाला है। कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ ने जिले में इस मोबाइल एप के प्रचार तथा प्रसार का जिम्मा उठाया है जिससे आसमानी बिजली से अधिक से अधिक लोग बच सकें। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. दुष्यंत कुमार राघव ने कहा कि इस एप के इस्तेमाल से कम से कम जान माल के नुकसान से लोग बच सकते हैं। पिछले वर्ष ठनका गिरने से रामगढ़ जिले में अकेले 23 लोगों तथा अनेक मवेशियों की जान चली गई है। उन्होंने बताया कि केंद्र में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के तहत इस दामिनी एप को किसानों के बीच जानकारी के लिए विभिन्न माध्यमों द्वारा प्रचारित किया जा रहा है एवं साथ ही उन्होंने केंद्र के मौसम वैज्ञानिक सनी आशीष बालमुचू को निर्देश दिया है कि वह इस एप के बारे में जिलों के किसानों के बीच इस एप की पूर्ण जानकारी एवं इस्तेमाल करने का तरीका का प्रचार-प्रसार पर जोर दें और ग्रामीण मौसम सेवा के तहत जो सप्ताह में दो बार मौसम पूर्वानुमान सहित कृषि परामर्श बुलेटिन केंद्र द्वारा जारी की जाती है उस बुलेटिन में भी इस एप की जानकारी एवं उपयोग करने का तरीका अवश्य अंकित करें। केंद्र के मौसम वैज्ञानिक सनी आशीष बालमुचू ने इस नए एप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस एप को मोबाइल फोन में गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यह एप पूरे देश के नेटवर्क प्रणाली से जुड़ कर वज्रपात की गति तथा गिरने के स्थान की सटीक जानकारी देता है। यह एप बिजली की गड़गड़ाहट व ठनका की रफ्तार के बारे में सटीक जानकारी देता है। यह एप दस वर्ग किलोमीटर के दायरे में कहां पर ठनका गिरने वाला है इसकी जानकारी देता है। साथ ही इसकी खासियत यह है कि ठनका गिरने से बचाव की जानकारी भी उपलब्ध कराता है।