भगवान महावीर के संदेशों को अपनाएं: शीतल सागर
संवाद सहयोगी,रामगढ़ : दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री 10
रामगढ़ : दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री 108 शीतल सागर जी महाराज ने रविवार को अपने मंगल प्रवचन में कहा कि जिन धर्म को प्रतिपादित करने वाले 24 वें तीर्थकर महावीर स्वामी के शासन काल में हम सभी लोग जिनशासन को अपने जीवन में उतारने हेतु धर्म सभा में आए हुए हैं। जिनेंद्र के वाणी का पान कर रहे हैं। जैन धर्म किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा फैलाया हुआ धर्म अथवा पंथ नहीं है। यह विश्व धर्म है, जगत का धर्म है एंव मनुष्य को मनुष्य बनाने वाला धर्म है। जो जैसा है उसको उसी रूप में दिखाने वाला धर्म है। इसलिए जैन धर्म के आराधकों को जैन धर्म के वास्तविक अभिप्राय,वास्तविक रूप को जानकर आचरण करना आवश्यक है। सभी लोग महावीर भगवान के देशना का पान करें और सभी के साथ मैत्री, दया, समता भावों को वृद्धिगंत करें। कार्यक्रम की शुरुआत में मंगलाचरण सुनील पाटनी के द्वारा किया गया। आचार्य श्री का पाद प्रक्षालण करने का सौभाग्य महावीर पाटनी एवं महावीर गंगवाल को प्राप्त हुआ। संध्या में आरती व णमोकार जाप का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन धर्म की महिलाएं व पुरुष मौजूद थे।