गायत्री प्रज्ञा पीठ मे बना वसंतोत्सव
फोटो- 42 बसंतोत्सव पर यज्ञ में शामिल मोहन महतो व श्रद्धालुगण - बसंतोत्सव के अवसर पर गायत्री प्रज्ञा पीठ में हुआ सामूहिक यज्ञ और भंडारा संवाद सूत्र, वेस्ट बोकारो (रामगढ़): माघ महीने की पंचमी को वेस्ट बोकारो स्थित अखिल विश्व गायत्री प्रज्ञा-पीठ में रविवार को बसंतोत्सव पर्व मनाया गया। जिसमें प्रात: आठ बजे से लेकर दोपहर तक कई कार्यक्रम और अनुष्ठान हुए। सबसे पहले वैदिक पद्धति से बच्चो सहित हर आयु वर्ग के लोगों का विद्यारंभ संस्कार सम्पन्न कराया गया। इस मौके पर पीठ के वरीय सदस्य शिवानंद पांडेय ने बच्चों में बाल्यवस्था से ही अपने धर्म और संस्कृति का संस्कार दें। आज के शहरी और पाश्चात्य परंपराओं के अनुकरण के कारण हम अपने बच्चों को अध्यात्म, कलात्मकता और संस्कृति का ज्ञान नही दे पाते है जो अनिवार्यता की बात है। पहले दादा-दादी या नाना-नानी बच्चों को देवि-देवताओं और एतिहासिक ज्ञान अपने किस्से और कहानियों के माध्यम से देते थे।
वेस्ट बोकारो (रामगढ़): माघ महीने की पंचमी को वेस्ट बोकारो स्थित अखिल विश्व गायत्री प्रज्ञा-पीठ में रविवार को बसंतोत्सव पर्व मनाया गया। जिसमें प्रात: आठ बजे से लेकर दोपहर तक कई कार्यक्रम और अनुष्ठान हुए। सबसे पहले वैदिक पद्धति से बच्चो सहित हर आयु वर्ग के लोगों का विद्यारंभ संस्कार सम्पन्न कराया गया। इस मौके पर पीठ के वरीय सदस्य शिवानंद पांडेय ने बच्चों में बाल्यवस्था से ही अपने धर्म और संस्कृति का संस्कार दें। आज के शहरी और पाश्चात्य परंपराओं के अनुकरण के कारण हम अपने बच्चों को अध्यात्म, कलात्मकता और संस्कृति का ज्ञान नही दे पाते है जो अनिवार्यता की बात है। पहले दादा-दादी या नाना-नानी बच्चों को देवीदेवताओं और एतिहासिक ज्ञान अपने किस्से और कहानियों के माध्यम से देते थे। उन्होंने कहा कि आवश्यक नही कि बच्चे ही बल्कि किसी आयु के लोगों को अगर विद्यारंभ संस्कार नहीं कराए गए हैंश् तो कराना अतिआवश्यक है। उन्होंने ये कहा कि आज किसी भी आयु में बिना किसी मुहूर्त के लोग अपने बच्चों को नामांकन स्कूलों में करा देते है। जबकि पुराने जमाने में माता-पिता बसंतपंचमी के दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धि और संस्कार की अधिष्ठाता मां शारदे के पूजा के अवसर पर खल्ली यानि चाक और स्लेट पकड़ाते थे। एक कुंडीय यज्ञ अनुष्ठान को वैदिक रीति और मंत्रों के साथ संपन्न कराया गया। जिसमें राकोमसंघ के अध्यक्ष मोहन महतो समेत मां गायत्री के अनुयायियों ने अपनी अपनी आहूतियां दे कर अपने इस लोक और इहलोक के मंगलमय होने की कामना की। मौके पर शिवानंद पांडेय के अलावा पीठ के अवधेश शर्मा, पुजारी शांतनु तिवारी, चमटू महतो, रघुनाथ महतो ने भजनो और ज्ञानवर्द्धक सत्संग किये। यज्ञ के समापना और पुष्पांजलि के बाद भंडारे में भी लोगों को महाभोग खिलाया गया।