प्रकृति की उपासना का पर्व है सरहुल : धान
भुरकुंडा : केंद्रीय मिलन सरहुल पूजा समिति के तत्वाधान में गुरुवार को सरहुल मिलन समारोह
भुरकुंडा : केंद्रीय मिलन सरहुल पूजा समिति के तत्वाधान में गुरुवार को सरहुल मिलन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के बाद गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली गई।
जुलूस में दर्जनों गांव के अलग-अलग टोलियों ने पांरपरिक वेश-भूषा धारण कर मांदर की थाप पर थिरकते नजर
आएं। रीवर साईड भुरकुंडा स्थित सरना स्थल में दर्जनों गांव के जुलूस का मिलान हुआ।
जहां से जुलूस गाजे-बाजे के साथ क्रमवार नाचते-गाते सयाल मोड़, पटेल नगर, पेट्रोल टंकी, भुरकुंडा बिरसा
चौक, जनता टॉकीज, भुरकुंडा बाजार, थाना चौक होते न्यू बैरक सरना स्थल पहुंचे। जहां जुलूस का विसर्जन हुआ। महोत्सव को संबोधित हुए बतौर अतिथि पूर्व मंत्री सह आदिवासी सरना महासभा के केंद्रीय संरक्षक देवकुमार धान ने कहा कि सरहुल प्रकृति के उपासना का पर्व है। इसमें झारखंड की सभ्यता व संस्कृति झलकती है। उन्होंने कहा कि सरहुल भाईचारगी और प्रेम का संदेश देता है। विशिष्ट अतिथि सरना प्रार्थना सभा के महासचिव प्रवीण उरांव ने कहा कि सरहुल झारखंड की संस्कृति की पहचान है। श्री उरांव ने लोगों को पेड़ों की कटाई नहीं करने सहित अपने जीवन काल में कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाने की अपील की।
पूर्व रामगढ़ जिप उपाध्यक्ष मनोज राम ने कहा कि पेड़ों की सुरक्षा हमसबों को कर्तव्य है। जुलूस का जगह-जगह विभिन्न संस्थाओं द्वारा स्टॉल लगाकर चना-गुड़ और शरबत का वितरण किया गया।
इसके पूर्व केंद्रीय पाहन देवलाल मुंडा सहित दुंदुवा पाहन बरतु उरांव, महुटा टोला पाहन महादेव बेदिया, लपंगा कॉलोनी पाहन सुखदेव मांझी, देवरिया पाहन महावीर मुंडा, न्यू बैरक भुरकुंडा के पाहन ¨पटू मुंडा द्वारा द्वारा झारखंडी रीति-रिवाज से विधिवत पूजा-अर्चना कर लोगों को सखुआ का फूल खोसा गया। समिति के प्रवक्ता रितिका भोक्ता और अन्नु देवी ने जुलूस का स्वागत किया। कार्यक्रम में अतिथियों को पगड़ी बांधकर सम्मानित किया गया। मौके पर भुरकुंडा ओपी प्रभारी विष्णुदेव चौधरी, चमन लाल, वृयोवृद्ध पत्रकार नारायण नाथ तिवारी, संजय ¨सह, संजय रवि सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। समारोह की अध्यक्षता पार्षद दर्शन गंझू ने की।
दर्जनों गांव के जुलूस का हुआ मिलान
रीवर साईड भुरकुंडा स्थित सरना स्थल में दर्जनों गांव के जुलूस का मिलान हुआ। इसमें सरहुल पूजा समिति दुंदुवा, चपरासी क्वार्टर पटेल नगर, महुआ टोला, कैथोलिक आश्रम, न्यू बैरक, लपंगा, बिरसा नगर, कोल कंपनी, तीन नंबर झोपड़ी, रीवर साईड सहित दर्जनों गांव के जुलूस का मिलान हुआ।
समारोह को सफल बनाने में इनका रहा योगदान समारोह को सफल बनाने में संस्थापक पीटर नाग व विश्वनाथ करमाली, मिथिलेश टुडू, संदीप उरांव, फ्रांसिस तिर्की, उमेश मुंडा, संतोष उरांव, समीर टोप्पो, गो¨वद बड़ाईक, राजकुमार गोण्ड, संजय ¨लडा, विजय तिर्की, सुनील बेदिया, सुरेश रजवार आदि सक्रिय थे।