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जल, जंगल, जमीन की सरंक्षण के लिए संघर्ष जरूरी

बेदिया विकास परिषद की बैठक सोमवार को तुलसी स्मृति भवन में आयोजित की गई। इसमें वक्ताओं ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि हम उपेक्षित बेदिया समुदाय के विकास के लिए पहले जरूरी यह है कि अपने गांव के सारे संसाधनों में जल जंगल जमीन पशु खनिज का उपयोग समुचित ढंग से करे। बेदिया जनजाति समुदाय का निवास क्षेत्र यह बृहद झारखंड के मध्य पठार है। यह पठारी क्षेत्र इतिहास के माध्युगीन व्यवस्था में पिछड़ा था जंगलों-पहाडों से भरा था। लेकिन आधुनिक अर्थव्यवस्था ने इस पठारी क्षेत्रों में खनिज संपदा से भरे हुए हैं। इसकी खोज के बाद यहां खनिज संपदा का दोहन दबंग-बिचौलिया महाजन ठिकेदार कंपनियां कारपोरेट घरानों के लोग कर रहे हैं। साथ-साथ मालामाल हो रहे हैं और सरकार इसकी संरक्षण कर रही है। कहा कि इनके हित में नियम-कानून बनाए जा रहें हैं। वनाधिकार सीएनटी एक्ट संशोधन किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि इस पठारी क्षेत्र में रहने वाले मूलनिवासीयों में बे

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:24 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:15 AM (IST)
जल, जंगल, जमीन की सरंक्षण के लिए संघर्ष जरूरी
जल, जंगल, जमीन की सरंक्षण के लिए संघर्ष जरूरी

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : बेदिया विकास परिषद की बैठक सोमवार को तुलसी स्मृति भवन में आयोजित की गई। इसमें वक्ताओं ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि हम उपेक्षित बेदिया समुदाय के विकास के लिए पहले जरूरी यह है कि अपने गांव के सारे संसाधनों में जल, जंगल, जमीन, पशु, खनिज का उपयोग समुचित ढंग से करे। बेदिया जनजाति समुदाय का निवास क्षेत्र यह बृहद झारखंड के मध्य पठार है। यह पठारी क्षेत्र इतिहास के माध्युगीन व्यवस्था में पिछड़ा था, जंगलों-पहाडों से भरा था। लेकिन आधुनिक अर्थव्यवस्था ने इस पठारी क्षेत्रों में खनिज संपदा से भरे हुए हैं। इसकी खोज के बाद, यहां खनिज, संपदा का दोहन दबंग-बिचौलिया, महाजन, ठिकेदार, कंपनियां, कारपोरेट घरानों के लोग कर रहे हैं। साथ-साथ मालामाल हो रहे हैं और सरकार इसकी संरक्षण कर रही है। कहा कि इनके हित में नियम-कानून बनाए जा रहें हैं। वनाधिकार, सीएनटी एक्ट संशोधन किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि इस पठारी क्षेत्र में रहने वाले मूलनिवासीयों में बेदिया सहित अन्य जनजातीयों का क्षेत्र रहा है। जिसका जीवन स्तर सबसे खस्ताहाल है, गरीबी है। इसलिए सबसे पहले हमें जल, जंगल, जमीन की सरंक्षण एवं कृषि शिक्षा व स्वास्थ्य पर विशेष जोर देना होगा। इसके लिए कानूनी रूप से सीएनटी एक्ट एवं संविधान की रक्षा और पेशा कानून को लागू करना जरूरी है। वनाधिकार संशोधन को वापस लेने की मांग को लेकर संघर्ष तेज करना होगा। अबैठक की अध्यक्षता बेदिया विकास परिषद के अध्यक्ष शंकर बेदिया व संचालन सचिव रामफल बेदिया, अशोक राम बेदिया, गोविद बेदिया ने किया। बैठक में बेदिया विकास परिषद के सचेतक देवकी नंदन बेदिया, दुर्गाचरण माहतो, शिवनारायण बेदिया, बुधराम बेदिया, देवानंद बेदिया, उमेश बेदिया, गोपाल बेदिया, सरिता बेदिया, गोपालराम बेदिया, योगेश्वर बेदिया, अमीन, कोमिला बेदिया, सुरपती बेदिया उर्फ नीता बेदिया, धनेलाल बेदिया, रामवृक्ष बेदिया, शंभू बेदिया, ब्रजकिशोर बेदिया आदि मौजूद थे।

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