.. और देखते ही देखते लग गई आग, चिल्लाते रहे कार सवार
तरुण बागी रामगढ़ लगातार झमाझम बारिश छथर्् सड़कें सुनसान थी।
तरुण बागी, रामगढ़ : लगातार झमाझम बारिश छथर्् सड़कें सुनसान थी। इक्के-दुक्के वाहन ही रामगढ़-बोकारो मार्ग पर चल रहे थे। इसी बीच रजरप्पा थाना क्षेत्र के मुरूबंदा गांव के पास सड़क पर यात्री बस व वैगनआर कार के बीच आमने-सामने भीषण टक्कर हो गई। झमाझम बारिश के बीच घटना के तुरंत बाद आसपास के लोग पहुंच गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धनबाद से रामगढ़ आ रही महारानी बस में 20-25 यात्री सवार थे। अफरा-तफरी के माहौल में सभी यात्री मौके पर ही बस से उतर गए। दूसरी तरफ जोरदार टक्कर से बस के अगले भाग में कार का लगभग तीन भाग हिस्सा घुस गया। कार में चालक के बगल की सीट पर दो लोग सवार थे। जबकि पीछे के तीन पर तीन लोग। कार के आगे बैठे लोग बस के अगले चक्के के नीचे बुरी तरह से दबे थे। जबकि पीछे का दरवाजा भी बस में दबा हुआ था। कार का तीन हिस्सा बस के अंदर समा जाने के कारण उनलोगों को निकालना मुश्किल हो गया था। अंदर से बचाने की गुहार लगाते हुए चिल्ला रहे थे। इसी बीच देखते ही देखते कुछ ही देर बाद कार व बस में आग लग गई। कार की पिछली सीट पर सवार लोग चिल्लाते रहे लेकिन गांव वाले जब तक इन्हें बचाने के लिए कुछ कर पाते आग ने भीषण रूप ले लिया और सभी पांचों सवार जिदा जल गए। इस ह्दय विदारक घटना में सभी पांचों शव इतनी बुरी तरह जल चुके थे कि इसकी कल्पना करना भी नहीं की जा सकती है। रजरप्पा थाना प्रभारी के सूचना दिए जाने के करीब एक घंटे के बाद घटनास्थल पर रामगढ़ से दमकल वाहन आग बुझाने के लिए यहां पहुंची, तब तक तो पूरी कहानी ही यहां समाप्त हो चुकी थी। दमकल से आग बुझाने के बाद करीब एक घंटे के मशक्कत के बाद पुलिस ने क्रेन के माध्यम से बस में दबे कार को बाहर निकालकर सभी जले हुए शवों को बाहर निकाला। इस दौरान मोबाइल और पहचान पत्र भी जल जाने के कारण शवों की पहचान करने में पुलिस को काफी परेशानी हुई। पुलिस ने कार के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर जांच के बाद शवों की शिनाख्त की। रजरप्पा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विपिन कुमार ने बताया कि सभी लोग कार से सवार होकर रजरप्पा मंदिर आ रहे थे। इसी दौरान यह हादसा हो गया।
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कौन शव किसका, पहचान नहीं कर पा रहे स्वजन
पुलिस की सूचना पर पटना के बेउर थाना अंर्तगत ब्रह्मपुर गांव से मृतक के स्वजन रामगढ़ पहुंचे। पुलिस पोस्टमार्टम हाउस में रखे पांचों शवों को पहचान कराने के लिए ले गए। इस दौरान का माहौल पूरी तरह से बदल गया। पटना से आए स्वजन दहाड़ मार-मार कर रोने लगे। इसके बाद करीब आधे घंटे तक स्वजनों ने शवों की पहचान करने में लग गए। लेकिन शव इतनी बुरी तरह जल गया था कि शवों की मौके पर पहचान नहीं कर पाए।
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नहीं हो पाया पोस्टमार्टम, डीएनए के लिए लिया गया सैंपल
सदर अस्पताल में दुर्घटना में बुरी तरह से जले शवों के पोस्टमार्टम के लिए तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की टीम सदर उपाधीक्षक डा उदय श्रीवास्तव, डा ताम्बा रिजवी व डा सुनील सिंह पहुंचे। लेकिन शवों की स्थिति इतनी खराब थी कि पोस्टमार्टम होना काफी मुश्किल काम था। बाद में मेडिकल बोर्ड ने सभी शवों का डीएनएन टेस्ट कराने के लिए सैंपल लिया।