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संकट में कोल परियोजनाएं, लक्ष्य हासिल करना टेढ़ी खीर

मो. सेराज घाटो (रामगढ़): सीसीएल हजारीबाग (चरही) कोयला क्षेत्र की तमाम परियोजनाओं के लिए

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 08:12 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 08:12 PM (IST)
संकट में कोल परियोजनाएं, लक्ष्य हासिल करना टेढ़ी खीर
संकट में कोल परियोजनाएं, लक्ष्य हासिल करना टेढ़ी खीर

मो. सेराज घाटो (रामगढ़): सीसीएल हजारीबाग (चरही) कोयला क्षेत्र की तमाम परियोजनाओं के लिए आनेवाले नववर्ष 2019 चुनौती भरा होगा। जमीन के अभाव में दम तोड़ रही परियोजनाएं नववर्ष में कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा कर पायेगी, सवाल है। अभी से ही कामगारों से लेकर अधिकारियों के बीच सवाल उठना शुरू हो गया है। सीसीएल परेज पूर्वी उत्खनन परियोजना का खदान इन दिनों एक नाले के रूप में तब्दील हो गया है। जमीन के अभाव इस कदर हो गया है कि खदान के पचास फीसद वाहन खड़े हो गए हैं। कुल 17 होलपेक में मात्र छह-सात ही चल रहे हैं। खदान के बगल में दुधमटिया टोला है। इसके कारण आये दिन खदान को बंदी का मुंह देखना पड़ता है। ब्ला¨स्टग के कारण दुधमटिया टोला से लेकर फाकोडीह व अगरवा टोला के ग्रामीण आंदोलन करते रहते हैं। परियोजना के अधिकारियों ने इन समस्याओं को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हो पाया। इन गांवों को विस्थापित कर दूसरी जगह बसाने पर जमीन की समस्या दूर हो सकती है। इस परेशानी के कारण कोयला का उत्पादन काफी कम हो गया है। केदला उत्खनन परियोजना भी जमीन समस्या से जूझ रही है। यह खदान भी नाले के रूप में तब्दील हो गई है। विगत दस साल से केदला चौक को हटाकर जमीन की समस्या दूर करने का प्रयास स्थानीय अधिकारियों द्वारा किया गया, लेकिन दरभंगा हाउस इसके प्रति आज तक दिलचस्पी नहीं दिखाई। परिणाम हुआ कि यहां भी कोयला उत्पादन लक्ष्य से काफी दूर हो गया। झारखंड उत्खनन परियोजना को भी जमीन समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। इसी परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी बीजीआर को प्रबंधन द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण कई मशीनों की गति धीमी हो गई है। केयूजीपी में भी सैकड़ों ग्रामीणों का जमीन अधिग्रहण किया गया, लेकिन आज तक नौकरी व मुआवजा नहीं मिल पाया। जमीन अभाव के कारण और रैयतों को जमीन के बदले नौकरी व मुआवजा नहीं मिलने से विगत 12 सालों

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आंदोलनरत है। जमीन समस्या के कारण यहां की माइंस दो और तीन बंद हो चुकी है। दोनों में कोयले का भंडार है। बहरहाल एरिया को कोयला का उत्पादन लक्ष्य को मार्च तक पूरा करना है, लेकिन मात्र जमीन अभाव के कारण उत्पादन लक्ष्य पूरा करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

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परियोजनाओं में जमीन की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही जमीन की समस्या दूर हो जाएगी।

- एसके ¨सह, जीएम, सीसीएल हजारीबाग कोयला क्षेत्र।


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